उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी की एक स्थानीय अदालत ने सोमवार(11 जुलाई, 2022) को ऑल्ट न्यूज के को-फाउंडर मोहम्मद जुबैर को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। सीतापुर जिला जेल में बंद जुबैर की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए लखीमपुर खीरी की एक स्थानीय अदालत में पेशी हुई थी। उस पर समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने के आरोप में पिछले साल एक मामला दर्ज किया गया था। इस केस में ही यह सुनवाई चल रही थी।

सोमवार को लखीमपुर खीरी पुलिस ने एक स्थानीय अदालत में आवेदन दायर कर पूछताछ के लिए जुबैर की 14 दिन की पुलिस हिरासत की मांग की थी। अतिरिक्त अभियोजन अधिकारी (लखीमपुर खीरी) अवधेश कुमार ने कहा, “जुबैर वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रुचि श्रीवास्तव की अदालत में पेश हुए। अदालत ने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा है।” उन्होंने बताया कि अदालत जुबैर की पुलिस हिरासत की याचिका पर 13 जुलाई को सुनवाई करेगी।

पुलिस अधीक्षक (लखीमपुर खीरी) संजीव सुमन ने कहा कि जुबैर को मंगलवार को उच्चतम न्यायालय में पेश होने के लिए दिल्ली ले जाया जा सकता है। यह मामला पिछले साल सितंबर में अदालत के निर्देश पर दायर किया गया था। शुक्रवार को पुलिस स्थानीय अदालत पहुंच गई और जुबैर के खिलाफ एक ‘वारंट बी’ प्राप्त कर सीतापुर जिला जेल के सामने पेश किया, जहां जुबैर फिलहाल बंद है।

पुलिस के मुताबिक, स्थानीय टीवी पत्रकार होने का दावा करने वाले आशीष कुमार कटियार ने पिछले साल 18 सितंबर को जुबैर और ट्विटर के खिलाफ लखीमपुर खीरी के मोहम्मदी थाने में मामला दर्ज कराया था। कटियार का दावा है कि आरोपी ने अपने चैनल द्वारा प्रसारित सामग्री के माध्यम से सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने वाली झूठी खबरें प्रसारित की थीं।

स्थानीय पुलिस की ओर से उसकी शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं होने के बाद कटियार ने प्राथमिकी दर्ज करने के निर्देश की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। अदालत के निर्देश के बाद जुबैर के खिलाफ आईपीसी की धारा 153 ए (दो समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

दिल्ली पुलिस द्वारा एक मामले में जुबैर को गिरफ्तार करने के लगभग एक हफ्ते बाद सीतापुर पुलिस ने स्थानीय अदालत में जाकर उसको रिमांड पर लेने की मांग की थी। पुलिस ने ट्विटर पर एक साधु के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में खैराबाद पुलिस स्टेशन में दर्ज एक मामले में यह मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने 8 जुलाई को सीतापुर मामले में जुबैर को पांच दिन की अंतरिम जमानत दे दी थी।