गणतंत्र दिवस यानि 26 जनवरी के मौके पर कासगंज में भड़की साम्प्रदायिक हिंसा को लेकर विपक्षी पार्टियां सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के नेतृत्व वाली बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना कर रही हैं। वहीं सरकार के बचाव में राज्य बीजेपी चीफ महेंद्र नाथ पांडे सामने आए हैं। एएनआई के अनुसार महेंद्र नाथ पांडे ने कहा “योगी सरकार अपने दायित्व के साथ काम कर रही है। उत्तर प्रदेश एक बहुत बड़ा राज्य है यह घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी। पुलिस ने 48 घंटे में चार मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है और अन्य उपद्रवियों को भी गिरफ्तार किया गया है। राज्य में स्थिति अब नियंत्रण में है।”
इस मामले पर यूपी के मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा “रिपोर्ट्स देखी हैं कि अब दुकानें खुल रही और स्थित सामान्य हो गई है।” वहीं इस हिंसा को सूबे के राज्यपाल राम नाइक ने राज्य के लिए कलंक बताया। राम नाइक ने कहा “जो कासगंज में हुआ वो किसी को भी शोभा नहीं देता है। वहां जो घटना हुई वह यूपी के लिए कलंक के रूप में हुई है। सरकार घटना की जांच कर रही है। सरकार ऐसे कदम उठाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की घटना फिर से न हो।”
Yogi govt is working with responsibility. The incident was unfortunate, #UttarPradesh is a large state. Still, four main accused were arrested in 48 hours. Other miscreants were also arrested. Situation is now under control: UP BJP Chief Mahendra Nath Pandey on #KasganjClashes pic.twitter.com/PJ4UjHzJ35
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2018
Have seen reports that shops are opening now and situation is returning to normalcy. It is a good sign: UP Minister Sidharth Nath Singh on #KasganjClashes pic.twitter.com/1iEqr4uZAv
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2018
Jo #Kasganj mein hua woh kisi ko bhi shobha dayak nahi hai. Wahan jo ghatna hui woh UP ke liye kalank ke roop mein hui hai. Sarkaar uski jaanch kar rahi hai. Sarkaar aise kadam uthaye ke phir se aisa na ho: Uttar Pradesh Governor Ram Naik in Lucknow #KasganjClashes pic.twitter.com/ZGL7gGMsjZ
— ANI UP (@ANINewsUP) January 29, 2018
गौरतलब है कि गणतंत्र दिवस के दिन अनाधिकृत तिरंगा यात्रा को रास्ता न देने के कारण साम्प्रदायिक हिंसा भड़की थी। इस हिंसा में चंदन गुप्ता नाम के युवक की एक जान चली गई जबकि अकरम नाम का व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गया था। 26 जनवरी को 50-60 लोगों का एक ग्रुप बाइक पर सवार होकर तिंरगा यात्रा के लिए निकला था। यह यात्रा जैसे ही बाद्दू नगर पहुंची वहां से निकलने के लिए उन्हें रास्ता नहीं मिला क्योंकि अन्य समुदाय के लोग उस समय तिरंगा फहराने का कार्यक्रम कर रहे थे और उन्होंने सड़कों पर कुर्सियां बिछाई हुई थीं। रास्ता न मिलने के कारण दोनों पक्षों के बीच काफी विवाद हुआ और फिर कुछ ही देर बाद हिंसा भड़क गई।

