कानपुर के बेकनगंज इलाके में झड़पों के एक दिन बाद, पुलिस ने शनिवार को कहा कि चार और लोगों को गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तारियों की संख्या 22 हो गई है और हिंसा के पीछे मुख्य साजिशकर्ताओं की पहचान करने का भी दावा पुलिस ने किया है। सरकार ने पुलिस से आरोपियों के खिलाफ एनएसए लगाने को कहा है और उनके फंडिंग के स्रोत की जांच भी करने को कहा है।

शनिवार को, पुलिस ने हिंसा से संबंधित तीन अलग-अलग प्राथमिकी दर्ज की, जिनमें से दो पुलिसकर्मियों द्वारा और एक निजी व्यक्ति द्वारा दर्ज करवाई गई। प्राथमिकी में 55 लोगों और सैकड़ों अज्ञात लोगों का नाम शुक्रवार की झड़पों में कथित रूप से शामिल होने के लिए है।

कानपुर के पुलिस आयुक्त विजय सिंह मीणा ने बताया कि अब तक 22 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिसमें से 18 लोगों को शुक्रवार को ही गिरफ्तार किया गया था। मीणा ने बताया कि गिरफ्तार व्यक्तियों के बैंक खातों की जांच की जाएगी और पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) सहित अन्य संगठनों के साथ उनके संबंध की जांच की जाएगी।

विजय मीणा ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोगों में एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात जाफर हाशमी, यूपी के अध्यक्ष जावेद अहमद खान, सदस्य मोहम्मद राहिल और कानपुर के मोहम्मद सूफियान शामिल हैं। इस बीच प्रांतीय सशस्त्र बल (पीएसी) की 12 कंपनियों को बेकनगंज थाना क्षेत्र के उन इलाकों में तैनात किया गया है, जहां हिंसा हुई थी। पुलिस के मुताबिक पूछताछ के दौरान आरोपियों ने उनसे जुड़े पांच-छह लोगों के नाम बताए।

अधिकारियों के अनुसार उनकी जांच में एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन नाम के एक स्थानीय संगठन के सदस्यों को मुख्य साजिशकर्ता के रूप में पाया गया। एसोसिएशन की वेबसाइट के अनुसार यह पिछले 12 वर्षों से संचालित एक गैर-लाभकारी संगठन है, जो गरीबी कम करने और सामाजिक न्याय पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।

अतिरिक्त महानिदेशक (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, “पुलिस सीसीटीवी फुटेज के साथ आरोपियों की पहचान करने की कोशिश कर रही है। आरोपियों और साजिशकर्ताओं पर यूपी गैंगस्टर्स और असामाजिक गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया जाएगा और उनकी संपत्ति को जब्त किया जाएगा।”