उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में देश की आजादी के महानायकों को समर्पित एक कार्यक्रम को देखते हुए सीएम योगी की आंखें नम हुईं। हालांकि ये बात सोशल मीडिया पर लोगों को रास नहीं आई। यूजर्स ने उनको जमकर ताने मारे। पुरानी घटनाओं का जिक्र कर उनसे कई सवाल पूछे गए।

विवेक ने लिखा कि सर पब्लिक के बीच इनकी आंख से आँसू निकलते है। जबकि बेरोजगार बिना किसी कारण रोते है चुपचाप किसी को जाहिर नही होने देते। संजय नाम के यूजर ने कहा कि काश ये आंखें तब नम हुई होतीं जब हाथरस में दलित बेटी का बलात्कार हुआ। तब नम हुई होती जब वह मर गई। तब नम हुई होती जब उससे उसका अंतिम संस्कार भी छीन लिया था और रात के अंधेरे में मिट्टी तेल छिड़क आग लगा दी थी। तब नम हुई होती जब बलात्कारियों के पक्ष में जनसभा हुई।

संतोष कुमार ने लिखा कि किसी का आशियाना उजड़ कोई चैन से कैसे सो लेता है। एक ने लिखा कि घड़ियाली आंसू हैं। ये भाजपाई हैं साहब, कहीं भी रोने बैठ जाते हैं। चाहे घर मे या सदन में। वसीम अहमद ने तंज कसा कि प्रधानमंत्री बनने की पहली योग्यता पास करते हुए हमारे महान बाबा जी। प्रदीप गुप्ता ने उनकी हां में हां मिलाकर कहा कि अगर सर्वोच्च पद पर नज़र है तो साल में दो चार बार तो ये सब करना ही पड़ेगा।

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एक यूजर ने योगी का मजाक उड़ाते हुए कहा कि जब मुझे नींद आती है और कोई लाइट ऑन करे, मेरे आंखों में भी जलन होती है और पानी आ जाते है। एक ने कहा कि फुल फोटो आना चाहिए अपना…कोई आसपास भी नहीं चाहिए। आयुष तिवारी ने लिखा कि कैमरे के सामने कुछ भी करने लग जाते हैं।

एक का कहना था कि हमारे पीएम की तरह से योगी भी नाट्य विद्या में पारंगत होते जा रहे हैं। जैसे पीएम मोदी कहीं पर भी आंसू बहा देते हैं, वैसे ही योगी जी भी कहीं भी रोने लग जाते हैं। कभी असेंबली में भी रोए थे। पीएम बनने का हुनर आता है इन्हें। जहां रोना चाहिए वहां तो कभी रोते नहीं दिखते ये।