बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को लेकर अखिलेश फिर से आक्रामक हैं। मंगलवार को वो वहां पहुंचे तो हल्के फुल्के अंदाज में बोले कि इतने बड़े एक्सप्रेस वे पर किसी को सू सू लग जाए तो वहां कहां जाएगा। उनकी बात सुनकर लोगों की हंसी छूट गई। अखिलेश ने कहा कि एक्सप्रेसवे पर अभी से मिट्टी धंसक रही है। अभी तो ठीक से बारिश भी नहीं हुई है। बारिश होगी तो क्या होगा।

अखिलेश ने कहा कि बड़ी विडंबना क्या होगी कि प्रधानमंत्री मोदी के उद्घाटन करने के एक सप्ताह के अंदर एक्सप्रेस-वे में दरारें पड़ गईं। उन्होंने कहा कि उनके विकास कार्यों की भाजपाई नकल तो कर सकते हैं, पर बराबरी नहीं, क्योंकि नकल के लिए भी अकल चाहिए। अखिलेश ने कहा कि एक्सप्रेस-वे में लूट नहीं बल्कि डकैती हुई है। उनका यहां तक कहना था कि इसके लिए तो कुछ और शब्द भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने एक्सप्रेस-वे का उद्घाटन किया और बताओ पांच-छह दिन बाद ही सड़क में गड्ढे होने लगे, दरारे आने लगीं। उनका कहना था कि अभी तक पुलों का निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ और बाबा जी ने अधूरे पड़े बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का लोकार्पण करा दिया। सरकार को अधूरे काम भी पूरे दिखाई दे रहे हैं। लोकार्पण के 5 दिन बाद बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का कुछ हिस्सा बारिश के बाद धंस गया, जिसे लेकर अखिलेश ने ट्वीट के जरिए कई सवाल उठाए थे।

अखिलेश यादव ने सरकार पर तंज कसा कहा कि एक्सप्रेसवे के उद्घाटन के एक हफ्ते के अंदर बारिश की वजह से जगह-जगह इसके उखड़ जाने पर उन्होंने पूछा है कि इसे बनाने और बनवाने वालों की संपत्तियों पर बुलडोजर कब चलेगा।

बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य पूरा होने के बाद 15 जुलाई को पीएम नरेंद्र मोदी ने इसका लोकार्पण किया था। हालांकि सरकार ने कहा कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की क्वालिटी से कोई समझौता नहीं हुआ है। अखिलेश ने कहा कि 15 हजार करोड़ से बना बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 15 दिन भी नहीं चल सका।

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सपा चीफ का कहना था कि नौजवानों को सरकार नौकरी नहीं दे पा रही है लेकिन खाने की चीजों पर जीएसटी लगा दिया गया। सावन में भोले बाबा को चढ़ाया जाने वाले दूध को भी सरकार ने नहीं बख्शा। केवल जुमलों के सहारे सरकार चलाई जा रही है। न तो किसान को हक मिल रहा न ही महंगाई कम हो रही। डॉलर के सामने रुपया बुरी तरह से हांफ रहा है पर सरकार बिलकुल चुप है। जबकि पहले ये ही लोग इस मामले में तंज कसते थे।