उत्तर प्रदेश के वाराणसी स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में कोर्ट के आदेश पर हुए सर्वे का वीडियो सोमवार (30 मई 2022) को हिंदू और मुस्लिम पक्ष को सौंप दिया गया। हिंदू पक्ष ने सर्वे की सीडी मिलने के बाद आरोप लगाया कि सर्वे का वीडियो लीक कर दिया गया है। सर्वे का वीडियो कई मीडिया चैनलों पर दिखाया जा रहा है। वीडियो में शिवलिंग, त्रिशूल, डमरू के चिन्ह दिखने का दावा किया जा रहा है। वहीं हिन्दू पक्ष अब सीलबंद लिफाफे को कोर्ट को सौंपेगा। हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने इसकी जानकारी दी।
विष्णु शंकर जैन ने प्रेस कांफ्रेंस की और इस दौरान उन्होंने कहा कि हमें जो लिफाफा मिला था, वो अभी भी हमने नहीं खोला है और हम उसे कोर्ट को सौंपेंगे। उन्होंने कहा, “कोर्ट द्वारा वीडियो लीक की प्रमाणित कॉपी हमें कल करीब 6:30 बजे सील्ड कवर में मिली और 7 बजे मैंने प्रेस वार्ता कर कहा कि ये वैसे ही सील्ड कवर में है और आज हम इसे कोर्ट को वापस कर रहे हैं।”
बता दें कि दोनों पक्षों को तस्वीरें और वीडियो दिए गए हैं। रिपोर्ट सौंपने से पहले कोर्ट द्वारा शपथपत्र लिया गया और उसपर दोनों पक्षों से हस्ताक्षर लिए गए। सर्वे के सबूत लीक ना करने की शपथ ली गई और दोनों पक्षों ने लिखित में वादा भी किया।
विष्णु शंकर जैन ने कहा कि हम मुस्लिम पक्ष का जवाब देने के लिए तैयार हैं उन्होंने कहा, “हम 4 तारीख को होने वाली सुनवाई की मेरिट्स तैयारी कर रहे हैं और मुस्लिम पक्ष ने जो-जो बातें कही हैं उस पर हमारा जवाब तैयार है। दीन मोहम्मद जजमेंट की बात उन्होंने की है तो मेरा मानना है कि वो केस हम पर उपयुक्त नहीं है। उस जजमेंट में हिंदू पार्टी उसमें नहीं थे जबकि ये केस उनके खिलाफ जाता है, जहां पर ये बात लिखी गई है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाएंगे। हमारा मेरिट बहुत मजबूत है और हम कोर्ट में साबित करेंगे कि ये मस्जिद, मंदिर तोड़कर बनाई गई है।”
वहीं वीडियो सामने आने के बाद प्रसिद्ध कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने न्यूज़ चैनल इंडिया टीवी पर कहा, ”बाबा सोमवार के दिन पधारे और हम सब भारतीयों को जगाने के लिए पधारे हैं। अब जितना जल्दी हो सके, सभी को एक अर्जी दाखिल करनी चाहिए। 353 साल बीत चुके हैं और नंदी अपने प्रभु की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अब उस मंदिर क्षेत्र में नमाज अदा न हो। जब तक केस न सुलझे तब तक एक पुजारी जी वहां लग जाएं, जिससे शिव की पूजा-अर्चना हो सके।”