ज्ञानवापी मस्जिद में शिवलिंग मिलने के दावे के बाद कोर्ट ने उस स्थान को सील करने का आदेश दिया है। वहीं, इस मामले को लेकर दोनों पक्षों की तरफ से अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। इस मामले पर टीवी डिबेट्स में तीखी बहस देखने को मिल रही है। याचिकाकर्ता सोहनलाल आर्या ने एक टीवी डिबेट के दौरान कहा कि जो वर्तमान शिवलिंग है, उससे 83 फीट दूर नंदी का मुंह सीधा इसी तरफ है। दूसरी तरफ, इंतेजामिया कमेटी के वकील अभय नाथ यादव ने यह कहते हुए कटाक्ष किया कि एडवोकेट कमिश्नर ने अपनी रिपोर्ट फाइल नहीं की है और इससे पहले ही ये लोग ‘बाबा मिल गए’ करने लगे हैं।
‘आजतक’ पर एक टीवी डिबेट के दौरान, सोहनलाल आर्या के शिवलिंग मिलने के दावे को इंतेजामिया कमेटी के वकील अभय नाथ यादव ने खारिज किया। उन्होंने कहा, “ये जो पत्थरनुमा आकृति पाई गई है वह फर्स्ट फ्लोर पर है और उसके नीचे तहखाना है। तहखाने की पूरी वीडियोग्राफी की गई है, उसमें जमीन में गड़ा कोई भी शिवलिंग नहीं मिला है।”
अभय नाथ यादव ने कहा, “वकील कमिश्नर ने कोर्ट में अपनी रिपोर्ट फाइल नहीं की है और उसके पहले ये लोग ‘बाबा मिल गए…बाबा मिल गए’ करने लगे। विष्णु जैन 16 मई को कोर्ट में जाकर एक अर्जी देते हैं, उसकी कोई कॉपी हमको नहीं दी गई। कोर्ट के सामने कोई साक्ष्य नहीं था प्राइमाफेसी कि वहां शिवलिंग मिला हुआ है।
उन्होंने कहा कि जब 17 मई की तारीख तय है तो कोर्ट को उसी तारीख को आदेश जारी करना चाहिए था। रिपोर्ट आने के पहले ही कोर्ट ने आदेश जारी कर दिया। इंतेजामिया कमेटी के वकील ने कहा, “अब ये शिवलिंग है या फव्वारा है, कोर्ट ऑफ लॉ को ये तय करना है। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कह दिया है कि वहां नमाज पढ़ने से किसी को न रोका जाए।” वहीं, हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने कहा, “आज सुप्रीम कोर्ट ने भी मुझे सुने बिना आदेश पारित किया है तो मैं यह थोड़े ही कह रहा हूं कि अदालत ने गलत किया है।”