ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सोमवार को वाराणसी की जिला अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान मुस्लिम पक्ष ने हिंदुओं के दावे पर आपत्ति दर्ज कराई। कोर्ट ने फिलहाल मामले की सुनवाई को 4 जुलाई 2022 तक टाल दिया है। वहीं, दूसरी ओर वादी हिंदू पक्ष को सर्वे के वीडियो और तस्वीरें मिले हैं। हालांकि, अदालत ने इन्हें लीक न करने की सख्त हिदायत दी है।
सुनवाई के बाद हिंदू पक्ष के वकील संजय चतुर्वेदी ने न्यूज़ 18 से बातचीत करते हुए कहा कि अदालत ने लीक न करने की शर्त पर सर्वे के वीडियो और तस्वीरें सौंपी हैं, इसके लिए हमने कोर्ट में अंडरटेकिंग भी दी है। याचिकाकर्ताओं ने अंडरटेकिंग हलफनामे में लिखा है कि मैं फोटो और वीडियो का दुरुपयोग नहीं करूंगी। लेकिन अपने अधिवक्ता को दे सकती हूं। हिंदू पक्ष को बंद लिफाफे में तस्वीरें और वीडियो की सीडी सौंपी गयी है।
साक्ष्यों की स्टडी करने के बाद पक्ष: उन्होंने कहा कि प्रतिवादी अभी कोर्ट में अपना पक्ष रख रहे हैं। संजय चतुर्वेदी ने कहा कि अभी हम इन साक्ष्यों की स्टडी करेंगे और उसके बाद अपना पक्ष रखेंगे। हिंदू पक्ष के वकील ने कहा कि आगे किस तरह से अपना पक्ष रखा जाए और किस तरह से ट्रायल को आगे बढ़ाया जाए इस पर हम एक मीटिंग में फैसला करेंगे। मुस्लिम पक्ष के सबूतों को सार्वजनिक न करने के सवाल पर वकील संजय चतुर्वेदी ने कहा कि प्रतिवादी नहीं चाहते होंगे कि सबूत सबके सामने आएं और सबको मामले की सच्चाई पता चले।
शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया गया: इससे पहले 26 मई को इस मामले पर हिंदू पक्ष और मुस्लिम पक्ष में दो घंटे तक बहस हुई थी। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु जैन ने वाराणसी जिला कोर्ट में बड़ा दावा करते हुए कहा कि ज्ञानवापी में शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया गया है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग में 63 सेमी का छेद किया गया है और जिस औजार से शिवलिंग को नुकसान पहुंचाया गया है वो मस्जिद के स्टोर रूम में मिला।
कोर्ट में सुनवाई शुरू होते ही अंजुमन इंतजामिया मसाजिद कमेटी की ओर से दलीलें रखी गई। वहीं मुस्लिम पक्ष ने कहा कि ज्ञानवापी में शिवलिंग के नाम पर अफवाह फैलाई जा रही है। ये याचिका सुनने लायक ही नहीं है। मुस्लिम पक्ष ने केस को रफा दफा किए जाने की बात की।