उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने बेनामी संपत्ति को लेकर बसपा के पूर्व एमएलसी और खनन मफिया हाजी इकबाल पर बड़ी कार्यवाही की है। जानकरी के मुताबिक खनन माफिया हाजी इकबाल ने अपने नौकर नसीम के नाम करीब 50 से अधिक बेनामी कर रखी थीं, जिन्हें पुलिस की ओर से जब्त कर लिया गया। इन संपत्तियां की कीमत करीब 21 करोड़ रुपए बताई जा रही है। पुलिस की ओर से यह कार्यवाही गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के तहत की गई है। पुलिस के द्वारा इन सभी संपत्तियों को रविवार को देर रात को कुर्क किया गया।
समाचार एजेंसी एनआई से बातचीत करते हुए सहारनपुर के एसएसपी आकाश तोमर ने कहा कि हाजी इकबाल की गैंग में कई सारे एक्टिव मेंबर हैं। उनके खिलाफ 9 अप्रैल को एक्शन लेना शुरू किया था। जिसके बाद गैंगस्टर एक्ट की धारा 14(1) के अंतर्गत हाजी इकबाल के नौकर के नाम नसीम के नाम पर 21 करोड़ की बेनामी संपत्ति जब्त की है। इसके साथ उन्होंने बताया कि संपत्ति को देर शाम कुर्क किया गया और सुबह उस पर सरकारी बोर्ड भी लगा दिए गए।”
एसएसपी ने आगे बताया कि हाजी इकबाल का गैंग कई फर्जी कंपनियों के जरिए काले धन को सफेद करने का भी कार्य करता था। पुलिस की कोशिश आगे इसी तरीके के अपराधियों को पकड़ कर उन पर कठोर कार्यवाही करने की है। हाजी इकबाल की कई और बेनामी संपत्तियों की भी पहचान की गई है उन पर भी जल्द कार्रवाई की जाएगी।
केंद्रीय एजेंसियों की मदद लेंगे: आगे एसएसपी तोमर ने बताया कि हमने हाजी इकबाल की बेनामी संपत्तियों पर कार्यवाही करने के लिए हमने केंद्रीय जांच एजेंसियों प्रवर्तन निदेशालय से संपर्क किया है जिससे अपराधियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जा सकें।
हाजी इकबाल था गैंग का सरगना: हाजी इकबाल पर उसके पुत्रों और अन्य साथियों के साथ मिलकर लकड़ी तस्करी, अवैध खनन और लोगों से वसूली करके करोड़ों रुपए की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। मीडिया से बातचीत करते हुए एसपी देहात सूरज राय ने बताया कि हाजी इकबाल अपने बेटों के साथ और अन्य साथियों से मिलकर पूरी गैंग चलाता था, जिस का सरगना हाजी इकबाल था। वहीं, गैंगस्टर एक्ट में हाजी इकबाल के साथ उसके पुत्र अब्दुल बासित, जावेद, मोहम्मद अफजाल और मिर्जापुर के निवासी उसके नौकर नसीम पर लगाया है।