ज्ञानवापी मस्जिद में शनिवार (14 मई, 2022) को फिर से सर्वे शुरू होने जा रहा है। कोर्ट के आदेश के बाद सर्वे टीम फिर से वहां जाएगी। इस बीच, विशेषज्ञ आरपी सिंह ने दावा किया है कि मस्जिद से मंदिर के सबूतों को सफेद सीमेंट की मदद से मिटाया जा रहा है। उन्होंने तीस साल पुरानी तस्वीरों का हवाला देते हुए ये दावा किया है।

उन्होंने कहा, “हमारे पास अभी भी ऐसे सबूत हैं। चाहे अंदर जाकर देखें और या फिर तीस साल पहले और आज की तस्वीरों को देख लें, हूबहू ढांचा अभी मौजूद है। ये तस्वीरें विभिन्न स्त्रोतों से 30 साल पहले हमें मिली थीं।” उन्होंने ज्ञानवापी मस्जिद की कुछ तस्वीरें साझा करते हुए कहा कि वहां, तीन दिशाओं दक्षिण, पूर्व और पश्चिम की दीवारों पर सफेदी की जाती है ताकि साक्ष्य चिन्हों को मिटाया जा सके और काफी मिटा भी दिए गए हैं।

उन्होंने कहा कि पहले बाहर की तरफ चूने की मोटी लेयर लगाई जाती थी और अब सफेद सीमेंट लगाया जाता है। इससे यह नहीं पता लगाया जा सकेगा कि उसके नीचे क्या है। मस्जिद के अंदर साक्ष्य हैं, लेकिन बाहर के साक्ष्यों को सफेद सीमेंट की मदद से मिटाया जा रहा है। इसके साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वहां वही सब कलाकृतियां हैं जो हिंदू मंदिरों में होती हैं।

वहीं, शुक्रवार को सर्वे की कार्रवाई को लेकर एक मीटिंग भी हुई जिसमें सभी पक्षकारों को बुलाया गया और उनसे अपील की गई कि सर्वे के दौरान शांति बनाए रखें। बता दें कि पिछले शुक्रवार को भारी हंगामे के कारण ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे को रोक दिया गया था। आज भारी संख्या में जुमे की नमाज के लिए लोग यहां पहुंचे थे।

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा ज्ञानवापी मस्जिद का मामला
वाराणसी अंजुमन ए इंतेजामिया मस्जिद कमिटी ने ज्ञानवापी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है। कमिटी ने याचिका दायर कर सर्वे पर रोक लगाने की मांग की है। इसमें इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई है। बता दें कि हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।