ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर याचिका दायर करने वाली पांच महिलाओं में एक दिल्ली और बाकी चार वाराणसी से हैं। इनमें सबसे कम उम्र की याचिकाकर्ता की उम्र 35 साल जबकि सबसे बुजुर्ग 65 साल की हैं। ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कोर्ट में चल रही सुनवाई के दौरान ये हमेशा मौजूद रहती हैं। पिछले साल 2021 में इन्होंने ये याचिका दायर की थी, जिसके बाद विवाद खड़ा हो गया है। मस्जिद में बंद तहखाने के बारे में काफी लोगों को पता था, लेकिन इतने सालों बाद “मां गौरी शंकर मंदिर” में पूजा की मांग क्यों उठाई गई, इसे लेकर याचिकाकर्ताओं ने अलग-अलग कहानियां बताई हैं।
लक्ष्मी देवी, सीता साहू, मंजू व्यास और रेखा पाठक वाराणसी में रहती हैं और मामले की हर सुनवाई में मौजूद रहीं। वहीं, पांचवीं और मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह दिल्ली से हैं और वे किसी भी सुनवाई पर कोर्ट नहीं गईं। सिंह का इस मामले में याचिका दायर करने के लिए उनकी इच्छा ‘विश्व वैदिक सनातन संघ’ से उनके संबंधों से उत्पन्न हुई प्रतीत होती है। राखी सिंह संगठन की एक ‘संस्थापक सदस्य’ हैं, जो याचिका के लिए समन्वय करने का दावा करती हैं। उनके अंकल जितेंद्र सिंह बिशन संघ के अध्यक्ष हैं।
विश्व वैदिक सनातन संघ के यूपी संयोजक संतोष सिंह का कहना है कि संगठन ने चार महिलाओं के साथ समन्वय स्थापित कर अगस्त 2021 में ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर याचिका दायर करने के लिए प्रेरित किया। उनका कहना है, “हम पूरे मामले का प्रबंधन कर रहे हैं।”
वहीं, 65 वर्षीय लक्ष्मी देवी के पति का कहना है कि वे कभी किसी संगठन से नहीं जुड़ी हैं और उनके कहने पर ही पांचों महिलाओं ने याचिका दायर की। वे दावा कर रहे हैं कि याचिका दायर करने के लिए उन्होंने ही पांचों महिलाओं से बात की और उनके कहने पर याचिका दायर की गई। उनके पति सोहन लाल आर्य वाराणसी में विहिप के एक वरिष्ठ पदाधिकारी हैं। 71 वर्षीय आर्य याचिका में “पैरोकार” भी हैं।
उन्होंने बताया कि वे 1984 से विहिप वाराणसी महानगर के उपाध्यक्ष और प्रवक्ता हैं। उन्होंने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया, “मैंने पांच महिलाओं को वाराणसी की अदालत में याचिका दायर करने के लिए प्रेरित किया। पीटीशन फाइल करने के लिए मेरी पत्नी लक्ष्मी देवी सहित पांच महिलाओं को मैंने चुना था।”
उन्होंने बताया कि 1985 में वाराणसी की एक अदालत में आर्य ने काशी विश्वनाथ-ज्ञानवापी मामले के बारे में अपनी पहली याचिका दायर की थी। इस बार, उन्होंने महिलाओं को सामने रखने का फैसला किया। विश्व वैदिक सनातन संघ की स्थापना 2018 में की गई थी। इसके उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले, नई दिल्ली और कई अन्य राज्यों में कार्यालय होने का दावा किया गया है। संगठन ने कुतुबमीनार और श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में भी याचिकाएं दायर करने का दावा किया है।
पांचों महिलाएं याचिका दायर करने के लिए कैसे आईं इसे लेकर इन्हीं में से एक याचिकाकर्ता सीता साहू की कहानी कुछ और है। उन्होंने बताया, “हम चार लोग एक सत्संग में मिले और याचिका दायर करने का फैसला किया। राखी सिंह ने हमसे यह कहते हुए संपर्क किया कि वह याचिका का हिस्सा बनना चाहती हैं, इसलिए हमने उन्हें भी शामिल किया।”