देवरिया नरसंहार मामले को लेकर योगी सरकार काफी सख्त दिखाई दे रही है। प्रशासन ने आज मृतक प्रमचंद यादव के के घर का दौरा किया है। इस दौरान कई अधिकारी मौजूद रहे हैं। सपा कार्यकर्ता इसे सरकार की विफलता बताकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, ऐसे में बड़ी तादाद में मौके पर पुलिस का जाब्ता तैनात किया गया है। 2 अक्टूबर को हुए देवरिया कांड में योगी सरकार ने  लापरवाह राजस्व कर्मियों और पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की है।  उपजिलाधिकारी, क्षेत्राधिकारी, दो तहसीलदार, तीन लेखपाल, एक हेड कांस्टेबल, चार कांस्टेबल, दो  हल्का प्रभारी और 1 थाना प्रभारी को योगी सरकार ने  सस्पेंड कर दिया है। 

 उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले रुद्रपुर थाना क्षेत्र में 2 अक्टूबर को फतेहपुर गांव के लेहरा टोला में जमीन विवाद को लेकर 6 लोगों की निर्मम हत्या हो गई थी। इस हत्यकांड का मुख्य आरोपी नवनाथ मिश्रा को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।

न्याय की मांग को लेकर प्रदर्शन

समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता इस मामले को लेकर सड़क पर उतर आए हैं। जब आधिकारियों की टीम मृतक प्रमचंद यादव के घर पैमाइश करने पहुंची तो कई सपा कार्यकर्ता अधिकारियों के सामने आ गए, इसके बाद पुलिस ने हल्का लाठीचार्ज भी किया। सपा कार्यकर्ता मृतकों को न्याय दिलाने की मांग कर रहे थे। पुलिस के अनुसार, देवरिया के रुद्रपुर इलाके में जमीनी विवाद को लेकर हुई हिंसा मामले में अब तक 16 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पूर्व मंत्री और सपा नेता आईपी सिंह ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा है कि प्रेम यादव की विधवा और नाबालिग बच्चों को न्याय दिलाने के लिए हजारों लोगों ने उनके गांव में डेरा डाल दिया है। अगर योगी आदित्यनाथ की सरकार ने नाइंसाफी की फौजी पिता का घर गिराने का किंचित मात्र प्रयास किया तो देवरिया हल्दी घाटी का मैदान बन जायेगा।

‘बुलडोजर एक्शन नहीं होने देंगे’

मंगलवार को भी राजस्व विभाग की टीम ने मृतक प्रेमचंद्र यादव के घर की कई घंटों तक नाप-जोख की। इसके अलावा आरोपियों के जमीन की भी नाप-जोख की गई। इसके बाद से ही यह चर्चा तेज है कि प्रेम यादव के घर पर बुलडोजर चलाया जा सकता है। दरअसल, इस मामले में रुद्रपुर के उप जिलाधिकारी योगेश कुमार ने बताया कि ऐसी सूचना मिली है कि यादव ने सरकारी जमीन पर अपना घर बनाया है। सपा कार्यकर्ता और परिवार के लोगों का कहना है कि वह बुलडोजर एक्शन नहीं होने देंगे।