उत्तर प्रदेश के फतेहपुर के सठिगवां गांव में जिस घर में लाड़ले की बारात सजनी थी, जहां बीएसएफ जवान विजय कुमार पांडेय को दूल्हा बनना था। उसी गांव में आज (4 जून) उसकी चिता को अग्नि दी गई। हजारों नम आंखों ने गम और गुस्से में विजय को अंतिम विदाई दी। इस मौके पर माहौल भावुक हो गया। विजय के परिवारवाले सदमे की हालत में हैं। उन्हें यकीन नहीं हो रहा कि जिस बेटे के बारात की तैयारी वो कर रहे थे उसी की अर्थी उन्हें अपने कंधे पर निकालनी पड़ेगी। विजय के गांव में पाकिस्तान के प्रति गुस्सा है, लोग सरकार से पूछ रहे हैं कि आखिर देश दुश्मन को करारा जवाब क्यों नहीं दे रहा है। हालांकि पूरे गांव को अपने लाल कॉन्स्टेबल विजय कुमार पांडेय की इस शहादत पर गर्व है। लेकिन उस दुख को कौन बांट पाएगा जो इस गांव पर, उसके घर पर पहाड़ बनकर टूटा है। विजय कुमार पांडेय जम्मू कश्मीर के अखनूर सेक्टर के परगवाल इलाके में देश के सरहद की निगहबानी में लगे थे। तभी रविवार देर रात पाकिस्तानी रेंजर्स की ओर से की गई फायरिंग की चपेट में वे आ गये। पाकिस्तानियों की इस कायराना हरकत के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया। लेकिन यहां पर उनकी जान नहीं बचाई जा सकी।
Fatehpur: Last rites ceremony of BSF jawan Vijay Pandey who lost his life yesterday in ceasefire violation in Jammu & Kashmir’s Akhnoor sector pic.twitter.com/tWNRl3Wg2q
— ANI UP (@ANINewsUP) June 4, 2018
इस घटना की खबर मिलते ही सठिगवां गांव गम में डूब गया। शहीद विजय कुमार पांडेय की शादी 20 जून को होने वाली थी। उनके सिर पर दूल्हे का सेहरा सजने वाला था। 15 जून को उनका तिलक होना था। लेकिन अब इस गांव में कोहराम मचा हुआ है। इस घटना पर सहसा किसी को यकीन ही नहीं होता है। दैनिक हिन्दुस्तान के मुताबिक विजय पांडेय ने शनिवार शाम को ही लगभग अपने पिता से बात की थी। दोनों के बीच शादी की तैयारियों को लेकर चर्चा हुई थी। शादी की तैयारियों को लेकर जब पिता ने चिंता जताई तो विजय ने कहा कि उनके पिता अपना ख्याल रखें, और वह 10 जून तक हर हाल में घर आ जाएगा। विजय के पिता ने जब अंतिम बार उससे बात की तो उन्होंने अपने बेटे पर नाराजगी जताते हुए कहा कि कार्ड बांटना है, शादी की दूसरी तैयारियां करनी है। घर पर काम करने वाला कोई नहीं है, इसलिए उसे जल्दी आ जाना चाहिए। इस पर विजय ने कहा था कि सब कुछ ठीक हो जाएगा, वो अपना ख्याल रखें। रिपोर्ट के मुताबिक विजय ने शादी की छुट्टी के लिए बीएसएफ ऑफिसरों के पास अर्जी भी लगा दी थी।
इस घटना के बाद एक दूसरा गांव भी आंसुओं में डूबा है। ये गांव है बुढ़वा गांव। इसी गांव की वंदना से विजय की शादी तय हुई थी। लेकिन नियति के इंसाफ के आगे सब कुछ धरा का धरा रह गया। वंदना बदहवास सी है। वो कुछ बोलने की हालत में नहीं है। इस घटना के बाद दोनों गांव में पाकिस्तान के प्रति आक्रोश है। लोगों ने सवाल उठाये कि आखिर कब तक हम अपने जवानों की कुर्बानी देते रहेंगे। गुस्साये लोगों ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
3rd June 2018#Jammu BSF Headquarters
Wreath Laying Ceremony
Bordermen paid tribute to their comrades ASI S N Yadav and Constable V K Pandey who attained martyrdom while retaliating unprovoked fire from Pakistan on Jammu IB pic.twitter.com/gomtROxip7— BSF (@BSF_India) June 3, 2018