उत्तर प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस रणनीतिकार प्रशांत किशोर को साइडलाइन करती जा रही है। जानकारी मिली है कि कार्यकर्ताओं ने प्रशांत को दलित के लिए पार्टी द्वारा करवाए जा रहे ‘शिक्षा, सुरक्षा, स्वाभिमान’ नाम के कार्यक्रम से दूर रहने के लिए कहा है। कांग्रेस का वह अभियान 50 दिनों तक चलेगा। कार्यक्रम 3000 गांवों की 85 आरक्षित सीटों वाले इलाकों में रहने वाले दलित लोगों तक पहुंचने के लिए हो रहा है। यह कार्यक्रम 4 दिसंबर से शुरू होने वाला है। इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कुछ सूत्रों ने कहा, ‘प्रशांत और उनकी टीम का इस कार्यक्रम को करवाने में कोई रोल नहीं है।’ इससे पहले प्रशांत ने ही कांग्रेस के लिए ’27 साल यूपी बेहाल’ और ‘किसान यात्रा’ जैसे कार्यक्रम किए हैं। यूपी कांग्रेस के एससी विभाग की मुखिया भगवती चौधरी ने कहा, ‘हम लोगों ने ही इस कार्यक्रम को खुद करने का फैसला लिया, बिना किसी की मदद के इसे किया जा रहा है। प्रशांत किशोर समेत किसी भी बाहर के आदमी की मदद नहीं ली गई है।
हालांकि, एससी विभाग की प्लानिंग प्रशांत किशोर से ही प्रभावित लगती है। कार्यक्रम के लिए सौ के करीब छोटे रथ बनवाए गए हैं। हर एक रथ के साथ तीन प्रशिक्षित वॉलेंटियर रहेंगे। इसके अलावा दो पेज की एक रंगीन बुकलेट भी तैयार की गई है। उसमें ‘दलित और उनका राजनीतिक भविष्य’ और ‘कांग्रेस के दलितों के प्रति 8 वचन’ लिखे गए हैं। किसान यात्रा के दौरान कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने भी किसानों को तीन वचन दिए थे। जिसमें कर्ज माफ करने का वचन भी शामिल है।
इस बार किए जाने वाले आठ वचनों में केजी से पीजी तक फ्री शिक्षा, दसवीं क्लास से ऊपर के सभी बच्चों को हॉस्टल में रहने के लिए 1 हजार रुपए, हर ब्लाक में जवाहर नवोदय स्कूल खोलने की बात, हर पुलिस थाने में दलितों की मदद के लिए एक सुरक्षा मित्र की तैनाती, 2 लाख तक की बीमारी के खर्च के लिए अंबेडकर अरोग्यश्री, खेतों में काम करने वाले मजदूरों के लिए घर, दलित युवाओं को 3 लाख तक बिना गारंटी के लोन जैसी बात शामिल हैं।
दलित कैंपेन के लिए AICC के चेयरमैन के राजू, राज्यसभा सांसद पीएल पुनिया, कांग्रेस यूपी राज्य की उपाध्यक्ष भगवती चौधरी और AICC के कॉर्डिनेटर शशांक शुक्ला का नाम शामिल है। वहीं कैंपेन को लॉन्च करने के लिए यूपी राज्य के इंचार्ज गुलाम नबी आजाद, कांग्रेस की सीएम कैंडिडेट शीला दीक्षित समेत कई सीनियर नेता पहुंचेंगे।