उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री तथा राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने गुरुवार को कहा कि तीन तलाक पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा अब ‘समान नागरिक संहिता’ के मामले में आगे बढ़ेगी। जिले के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा तथा राहत सामग्री वितरित करने आये शर्मा ने संवाददाताओं से बातचीत में समान नागरिक संहिता को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा, ‘‘समय का तकाजा है कि समान नागरिक संहिता लागू हो। भाजपा इसकी शुरू से ही पक्षधर रही है।’’ उन्होंने कहा कि ‘तीन तलाक’ पर उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भाजपा अब समान नागरिक संहिता के मामले में आगे बढ़ेगी और इस मसले पर कोई समझौता नहीं करेगी। देश में एक कानून होना चाहिये। संविधान में भी इसका उल्लेख है।

आगामी 27 अगस्त को पटना में राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव की ओर से प्रस्तावित रैली के बारे में शर्मा ने कहा कि लालू रैली नहीं बल्कि भ्रष्टाचारियों का जमावड़ा कर रहे हैं। लालू की रैली में सपा, बसपा तथा कांग्रेस नेताओं के शरीक होने से उत्तर प्रदेश की राजनीति पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने कहा कि लालू की रैली में जो दल शामिल हो रहे हैं, उन्होंने कभी विकास को तरजीह नहीं दी। वह केवल निजी एवं परिवार के विकास तक ही सीमित रहे। प्रदेश की मौजूदा योगी आदित्यनाथ सरकार तीव्र गति से बिना किसी भेदभाव के उत्तर प्रदेश का विकास करने में जुटी है। जनता भी विकास की पक्षधर है और वह विकास में कोई बाधा बर्दाश्त नहीं करेगी।

क्या है समान नागरिक संहिता (यूनिफॉर्म सिविल कोड)?
यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता का अर्थ एक सेक्युलर जो देश में सभी धर्म को मानने वालों के लिए एक समान होता है। भारत में अलग-अलग धर्मों के लिए अलग-अलग समान नागरिक संहिता है, ऐसे में अगर समान नागरिक संहिता बनता है तो देश के हर नागरिक को इसका पालन करना होगा। चाहे वह किसी भी धर्म का हो, यह कानून पर हर किसी पर लागू होता है। यह कानून किसी धर्म, जाति या निजी कानून से ऊपर है। कई देशो में यह कानून लागू है।