यूपी चुनाव समाप्त होने के बाद भी सपा गठबंधन की मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रहीं हैं। सपा गठबंधन की सहयोगी पार्टी महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य ने एक समाचार चैनल से बातचीत के दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कहा कि, “स्वामी प्रसाद मौर्य को बीजेपी ने सपा में भेजा था और ये बीजेपी का प्लान था।” केशव देव मौर्य ने अखिलेश यादव को भी चेतावानी देते हुए कहा है कि यदि गठबंधन में अहमियत नहीं मिलती है ,तो वो कहीं और जा सकते हैं।”

कुछ दिन पहले भी केशव देव मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना था। उन्होंने कहा था कि, “स्वामी प्रसाद मौर्य के आने के बाद ये सोच विकसित हुई कि अब वोट आसानी से मिल जायेगा। लोगों को समझना चाहिए कि वोट पार्टी के पास होता है, न कि नेता के पास। नेता तो पार्टी बदलते रहते हैं।” केशव देव मौर्य ने गठबंधन पर भी आरोप लगाते हुए कहा था कि महान दल के कैडर का इस चुनाव में काफी कम इस्तेमाल हुआ।

वहीं मंगलवार को सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने हार को लेकर ईवीएम पर सवाल उठाया। उन्होंने ट्विट करते हुए लिखा कि, “पोस्टल बैलेट में सपा-गठबंधन को मिले 51.5% वोट व उनके हिसाब से 304 सीटों पर हुई सपा-गठबंधन की जीत चुनाव का सच बयान कर रही है। पोस्टल बैलेट डालनेवाले हर उस सच्चे सरकारीकर्मी, शिक्षक और मतदाता का धन्यवाद जिसने पूरी ईमानदारी से हमें वोट दिया। सत्ताधारी याद रखें, छल से बल नहीं मिलता।”

बता दें कि जनवरी महीने में स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए थें। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ कई अन्य पिछड़े नेता भी सपा में शामिल हुए थें। कई नेताओं को सपा ने टिकट दिया लेकीन ज्यादातर नेता चुनाव हार गए। स्वामी प्रसाद मौर्य खुद कुशीनगर जिले की फाजिलनगर विधानसभा सीट से 15 हजार से अधिक मतों के अंतर से चुनाव हार गए। स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ सपा में शामिल हुए धर्म सिंह सैनी भी अपनी सीट हार गए। दोनों नेता योगी सरकार में मंत्री थें।

यूपी विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन को 273 सीटों पर जीत मिली है। जबकि सपा गठबंधन को 125 सीटों पर जीत मिली है। चुनाव में बीएसपी को महज एक सीट पर जीत मिली, जबकि कांग्रेस 2 सीट पर कांग्रेस विजयी हुई।