Azam Khan: समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री आजम खान की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। जिस मामले में आजम की दिक्कतें बढ़ेंगी, वो मामला जौहर यूनिवर्सिटी से संबंधित है। जौहर विश्विद्यालय में 800 करोड़ से ज्यादा खर्च हुआ। यह आयकर टीम के आकलन से कहीं ज्यादा है। लखनऊ, मुरादाबाद और कानपुर से मूल्यांकन करने रामपुर पहुंची आयकर और सीपीडब्ल्यूडी की टीमों ने अपना काम पूरा कर लिया है। सूत्रों ने बताया कि रिपोर्ट पूरी तरह तैयार है। जिसे आज आयकर निदेशालय को सौंपा जा सकता है।
इसके पहले आयकर विभाग की टीम ने जब सितंबर में छापा मारा था। तब एक प्राइवेट एजेंसी से संपत्तियों का मूल्यांकन कराया गया था। आयकर सूत्रों के अनुसार, उस वक्त जौहर यूनिवर्सिटी के कुछ हिस्से छूट भी गए थे।
इसी महीने की 18 अक्टूबर को पहुंची आयकर और सीपीडब्ल्यूडी की टीमों ने फिर से पूरे जौहर यूनिवर्सिटी की नापजोख की। छूट गए पांच ब्लॉक और बाउंड्री को भी इस बार शामिल किया गया। जिसका पूरा आकलन 800 करोड़ से ऊपर निकल रहा है। जबकि दस्तावेजों में जौहर विश्वविद्यालय में खर्च कुल 60 करोड़ रुपए ही दिखाया गया है। विश्वविद्यालय में कितना धन खर्च किया गया, इसका दोनों टीनों ने आकलन (वैल्युएशन) किया है। यानी टैक्स का घालमेल 740 करोड़ से अधिक का है।
सीपीडब्ल्यूडी एक सेंट्रल डिपार्टमेंट है, जिसके पास इस कार्य के लिए विशेषज्ञों की एक टीम है। इसी टीम को रामपुर भेजा गया था। आयकर और सीपीडब्ल्यूडी की टीमों ने मुख्य भवन के निर्माण और फर्नीचर का आकलन कर ब्योरा दर्ज किया है।
आयकर विभाग ने सितंबर में आजम खान और करीबियों के ठिकानों पर छापेमारी की थी। इस दौरान यह भी पता चला कि जौहर यूनिवर्सिटी में कई विभागों का 106 करोड़ रुपये लगाया गया है। आयकर सूत्रों अनुसार, आजम खान जब मंत्री थे तो अपने विभाग का पैसा जौहर यूनिवर्सिटी में लगाया था।
