अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय छात्रसंघ (AMUSU) ने मांग की है कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को राज्यसभा से हटाया जाए। AMUSU ने स्वामी पर मानहानि का मुकदमा करने की धमकी दी है। विश्वविद्यालय के छात्र नेताओं ने कहा है कि स्वामी ने एएमयू की गौरवशाली गरिमा को बिना सबूत और आधार के ठेस पहुंचाया है। इससे उनकी विभाजनकारी मानसिकता का पता चलता है। बता दें कि जेएनयू को नक्सली विचारों का गढ़ बताने वाले स्वामी ने कहा था कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय आतंकवादियों के विचारों का अड्डा है। स्वामी के इस बयान पर एएमयू के छात्रों ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। AMUSU के अध्यक्ष मशकूर उस्मानी ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि यह बेहद ही दुर्भाग्यपूर्ण है कि जहां राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद कहते हैं कि एएमयू में सेक्युलर विचारधारा के लोग रहते हैं, वहीं स्वामी ऐसा बयान देते हैं। उन्होंने कहा कि अब स्वामी को बताना चाहिए कि क्या वह भारत के राष्ट्रपति के बयान से इत्तेफाक रखते हैं या नहीं।

AMUSU ने राष्ट्रपति को लिखे एक ज्ञापन में कहा है कि स्वामी के बयान ने एएमयू के दुनिया भर में फैले लाखों छात्रों की भावना को ठेस पहुंचाया है। ज्ञापन के मुताबिक, “स्वामी के बयान से देश की सेक्युलर छवि को धक्का लगा है, इसलिए संसद के ऊपरी सदन से उनकी सदस्यता रद्द की जाए, वह मानसिक रूप से इसके सदस्य होने के लायक नहीं हैं।” बता दें कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्‍यम स्‍वामी ने कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद के उस बयान के जवाब में दिया था, जिसमें खुर्शीद ने कहा था कि कांग्रेस के दामन पर मुसलमानों के खून के धब्बे हैं। सलमान खुर्शीद एएमयू में ही विश्वविद्यालय के वार्षिक समारोह में शिरकत कर रहे थे।

जब न्यूज एजेंसी एएनआई ने सलमान खुर्शीद के इस बयान पर स्वामी की प्रतिक्रिया मांगी तो उन्होंने कहा था कि कांग्रेस के लिए पश्चाताप का वक्त आ चुका है। उन्होंने आगे कहा, “सलमान खुर्शीद ने शुरुआत कर दी है ,अच्छा किया, ये भी अच्छा है कि उन्होंने ये बात AMU में कही, जो आतंकवादियों के विचारों का अड्डा है।” सुब्रमण्‍यम स्‍वामी के इस बयान का कई लोगों ने विरोध किया है।