Lok Sabha Elections 2024: अगले साल देश में लोकसभा का चुनाव होना है। लोकसभा चुनाव को लेकर देश में अभी से सियासी माहौल बन चुका है। नेशनल लेवल पर जहां बीजेपी के खिलाफ एक गठबंधन बनाने की तैयारी चल रही है तो वहीं दूसरी तरफ राज्यों में भी क्षेत्रीय दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। लोकसभा चुनाव के लिहाज से यूपी बहुत महत्वपूर्ण हैं, कहा जाता है कि दिल्ली की कुर्सी पर किसका कब्जा होगा, इसमें यूपी के लोकसभा परिणाम बड़ा रोल तय करते हैं।

पिछले कई चुनावों में यूपी में बीजेपी को ही सफलता मिली है। पिछले विधानसभा चुनाव में सपा को फायदा तो हुआ लेकिन वह बीजेपी को सत्ता से बाहर करने में सफल नहीं हुई। सपा अबतक तकरीबन सभी तरह के फॉर्मूलों का इस्तेमाल कर चुकी है लेकिन उसे सफलता मिलने का नाम नहीं ले रही है।

साल 2019 का लोकसभा चुनाव उसने मायावती के साथ मिलकर लड़ा तो उसे ‘यादव लैंड’ में ही बुरी हार का सामना करना पड़ा। 2022 विधानसभा में मुस्लिम वोट का फायदा हुआ जरूर लेकिन सीटों के मामले में सपा बीजेपी से बहुत दूर थी। हाल ही में हुए निकाय चुनाव में भी सपा की हालत चिंताजनक थी। नगर निगम चुनाव में तो बीजेपी ने सबका सूपड़ा ही साफ कर दिया। अब कहा जा रहा है कि सपा बीजेपी को हराने के लिए बीजेपी के ही फॉर्मूले पर काम करने जा रही है।

सॉफ्ट हिंदुत्व अपनाएगी सपा?

इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के अनुसार, समाजवादी पार्टी अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों में भाजपा से निपटने के लिए “सॉफ्ट हिंदुत्व” अपनाने की कोशिश कर रही है। लोकसभा चुनाव 2024 में अपनी रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने के लिए सपा प्रमुख हिंदू धार्मिक स्थलों पर “हवन” और “पूजा” करके कार्यकर्ताओं के लिए अपने प्रशिक्षण शिविरों की शुरुआत करने जा रही है।

इसके लिए समाजवादी पार्टी ने लखीमपुर खीरी में देवकली का चयन किया है। देवकली एक हिंदू धार्मिक स्थान है। यहां 5 जून से सपा का दो दिवसीय ट्रेनिंग कैंप शुरू होने जा रहा है। देवकली का संबंध महाभारत से है, कहा जाता है कि देवकली वो जगह है जहां अभिमन्यु के पोते जनमेजय ने एक बड़ा यज्ञ किया था। लोगों का मानना है कि यहां के मंदिर की मिट्टी सांप से सुरक्षा करती है। सपा के देवकली मंदिर के पास एक कॉलेज कैंपस को ट्रेनिंग कैंप के रूप में चुना है।

सपा के लखीमपुर खीरी के जिलाध्यक्ष रामपाल यादव ने बताया कि देवकली एक प्रमुख धार्मिक स्थल है। जाहिर है कि जब पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेता और कार्यकर्ता यहां प्रशिक्षण शिविर में शामिल होने आएंगे तो मंदिर में जाकर आशीर्वाद भी लेंगे। उन्होंने यह भी बताया कि कैंप में सपा प्रमुख अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल सिंह यादव पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करेंगे।

ऐसा नहीं है कि सपा हिंदू धार्मिक स्थल के पास यही एकमात्रा कैंप आयोजित कर रही है। पार्टी का अगला ट्रेनिंग कैंप 9 और 10 जून को नैमिषारण्य धाम में आयोजित किया जाएगा। नैमिषारण्य धाम देवकली से 100 किलोमीटर दक्षिण में है। यह सीतापुर जिले में है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, नैमिषारण्य धाम में अखिलेश यादव और पार्टी के अन्य सीनियर नेता हवन भी करेंगे।

अखिलेश यादव करेंगे नैमिषारण्य धाम में हवन

इंडियन एक्सप्रेस को सपा के पूर्व विधायक रामपाल यादव ने बताया कि अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) सहित पार्टी के तमाम नेता ट्रेनिंग कैप का उद्घाटन करने से पहले नैमिषारण्य धाम जाएंगे और हवन करेंगे। यह कैंप चक्रतीर्थ, ललिता देवी मंदिर, नैमिषारण्य धाम में व्यास गद्दी पर धार्मिक अनुष्ठान करने के बाद शुरू होगा।

बता दें कि सीतापुर, धौरहरा, मिश्रिख और मोहनलालगंज लोकसभा सीटें नैमिषारण्य धाम के नजदीक हैं। हाल ही में योगी आदित्यनाथ सरकार ने नैमिषारण्य धाम के लिए एक धार्मिक टूरिज्म डवलपमेंट प्लान बनाया है।

रामपाल यादव ने बताया कि नैमिषारण्य धाम के पास होने वाले ट्रेनिंग कैंप में आसपास की विधानसा सीटों के बूथ अध्यक्ष और सेक्टर-इन-चार्ज बुलाए जाएंगे। मंदिर परिसर के नजदीक आयोजित इस ट्रेनिंग कैंप में राजनीतिक मुद्दे, चुनावी रणनीति और बूथ मैनेजमेंट पर चर्चा होगी।

क्यों सॉफ्ट हिंदुत्व पर फोकस कर रही सपा?

समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, अगले लोकसभा चुनाव से पहले राम मंदिर का उद्घाटन प्रस्तावित है। इसका इस्तेमाल बीजेपी चुनाव में सियासी फायदे के लिए करेगी। इसी को देखते हुए सपा ने अपने स्ट्रैटजी में बदलाव किया है।

सपा के एक सीनियर नेता ने कहा कि 2019 से 2023 तक सपा तमाम फॉर्मूलों के बाद भी बीजेपी को हरा नहीं पाई है। अब जब राम मंदिर का उद्घाटन होने वाला है, ऐसे में हिंदू-मुस्लिम ध्रुवीकरण विपक्ष को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए सपा बीजेपी को हराने के लिए सिर्फ अल्पसंख्यक वोटों पर निर्भर नहीं रहना चाहती और चाहती है कि समाज के सभी वर्ग उसे वोट करें।