उत्तर प्रदेश में एक पुलिसवाले ने बहुत ही अच्छी मिसाल कामय की है। बेटी की मौत की खबर सुनन किसी भी पिता के लिए बहुत ही दुख की बात होती है लेकिन इस पुलिसवाले बेटी की मौत की खबर जानने के बाद घर जाने के बजाए पहले अपनी वर्दी का फर्ज निभाना जरूरी समझा। यह मामला सहारनपुर का है, जहां पर 57 वर्षीय भूपेंद्र तोमर 23 फरवरी की सुबह 9 बजे रोजाना की तरह अपने साथियों के साथ उत्तर प्रदेश 100 गाड़ी पर सवार होकर पेट्रोलिंग के लिए निकले थे। टीम बड़गांव इलाके में पेट्रोलिंग कर रही थी कि तभी उन्हें फोन आया कि एक व्यक्ति खून से लतपत सड़र पर पड़ा हुआ है, जिसपर उसके साथियों ने किसी धारदार हथियार से कई वार किए हैं।

टीम यह खबर सुनने के बाद घटनास्थल पर पहुंचने के लिए निकली कि तभी भूपेंद्र के पास एक फोन आया, जिसमें उन्हें बताया गया कि उनकी 27 वर्षीय बेटी ज्योति की मौत हो गई है। एक साल पहले ही शादी कर अपने ससुराल गई बेटी की मौत की खबर सुन भूपेंद्र दुखी हो गए, लेकिन वे घर नहीं गए। टीम के सदस्यों ने उन्हें घर जाने के लिए कहा लेकिन भूपेंद्र ने उनसे कहा कि वह पहले सड़क पर खून से लतपत पड़े उस व्यक्ति को बचाएंगे। बेटी की मौत की पीड़ा को छिपाते हुए भूपेंद्र और उनकी टीम के सदस्य उस व्यक्ति तक पहुंचे, जिसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया और तब भूपेंद्र अपने घर पहुंचे।

बिजनौर के रहने वाले भूपेंद्र ने इस पर बात करते हुए कहा “जो मर गया उसे छोड़ो, लेकिन जो जिंदा है उसे बचाना हमारा फर्ज था। मुझे नहीं लगाता कि ऐसा करके मैंने कोई अलग काम किया है।” भूपेंद्र के इस साहस के लिए उन्हें सहारनपुर के डीआईजी और एसएसपी द्वारा सम्मानित किया गया है। शुक्रवार को उन्हें उच्च अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया गया। आपको बता दें कि  भूपेंद्र की बेटी ज्योति प्राइमरी हेल्थ सेंटर में एक नर्स के तौर पर काम करती थी। एक साल पहले उसकी शादी 28 वर्षीय सौरभ काकरान से हुई थी। अचानक बाथरूम में गिर जाने के कारण ज्योति की मृत्यु हो गई, जिससे उसका पूरा परिवार सदमे में है।