उत्तर प्रदेश के सीतापुर में स्थानीय वकीलों की गुंडई का मामला सामने आया है, जिससे कानून व्यवस्था को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। हंगामा कर रहे वकीलों ने एसपी और अन्य पुलिसकर्मियों के साथ अभद्रता की और एसपी के पीआरओ दरोगा की जूतों से पिटाई कर दी। फिलहाल पुलिस ने आरोपी वकीलों को चिन्हित करने की प्रक्रिया शुरु कर दी है और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की बात कही है। दरअसल पिछले कुछ दिनों से प्रशासन को सीतापुर क्लब में अवैध निर्माण और अवैध गतिविधियों की सूचना मिल रही थी। जिसके चलते सीतापुर डीएम शीतल वर्मा और एसपी प्रभाकर चौधरी ने सीतापुर क्लब में छापा मारा। एनबीटी की खबर के अनुसार, अधिकारियों को मौके से शराब की बोतलें, ताश की गड्डियां, कसीनों के टोकन, नगदी आदि बरामद हुई।

कार्रवाई के दौरान पुलिस प्रशासन ने सीतापुर क्लब के अध्यक्ष ओम प्रकाश गुप्त और वरिष्ठ अधिवक्ता रामपाल सिंह को हिरासत में ले लिया। इसके साथ ही प्रशासन ने क्लब में बना अवैध ढाबा भी जेसीबी की सहायता से ध्वस्त कर दिया। कार्रवाई के बाद सीतापुर क्लब को प्रशासनिक कब्जे में ले लिया गया। बताया जा रहा है कि पुलिस प्रशासन की इस कार्रवाई ने वकीलों को नाराज कर दिया। नाराज सैकड़ों वकील भाजपा के जिला अध्यक्ष अजय गुप्ता और महामंत्री अचिन मेहरोत्रा के साथ शहर कोतवाली पहुंचे और वहां हंगामा शुरु कर दिया। बताया जा रहा है कि वकीलों की भीड़ ने हिरासत में लिए गए दोनों वकीलों को जबरन हिरासत से छुड़ा लिया।

इसके बाद वकील शहर के लालबाग चौराहे पहुंचे और वहां पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी शुरु कर दी। इसी बीच कुछ वकील दीवानी कचहरी में एसपी से मिलने के लिए वहां पहुंच गए। इस दौरान चैंबर के बाहर खड़े एसपी के पीआरओ दरोगा विनोद कुमार और प्रदीप पांडेय ने वकीलों को रोकने का प्रयास किया तो वकीलों ने दरोगा को लात-घूंसो व जूतों से पीटना शुरु कर दिया। इसके बाद वकील जबरन जिला जज के चैंबर में घुस गए। वकील ने वहां पहुंचकर एसपी के साथ अभद्रता की और उनका मोबाइल छीनने का प्रयास किया। एसपी प्रभाकर चौधरी का कहना है कि अधिवक्ताओं ने पुलिसकर्मियों से मारपीट की। फिलहाल पुलिस आरोपी अधिवक्ताओं पर कड़ी कार्रवाई के मूड में नजर आ रही है। चिन्हित वकीलों पर 25 हजार रुपए का इनाम घोषित कर उनकी तलाश की जा रही है। साथ ही हाईकोर्ट को भी इस घटना के बारे में सूचित कर दिया गया है।