Uttar Pradesh Police Farrukhabad: वैसे तो उत्तर प्रदेश की पुलिस कई कारणों से अक्सर चर्चा में रहती है लेकिन इस बार जिस वजह से वह सुर्ख़ियों में है लोग उसकी तारीफ करने से खुद को रोक नहीं पा रहे हैं। मामला फर्रुखाबाद के मऊ दरवाजा थाने का है, जहां तैनात इंस्पेक्टर डॉ विनय प्रकाश राय ने एक युवक के शव को उसके भाई और रिश्तेदारों द्वारा लिए जाने से इनकार किए जाने के बाद खुद पुलिस के अमले के साथ विधि-विधान से उसका अंतिम संस्कार कराया। बताया जा रहा है कि मृतक के परिजनों के पास इतने भी पैसे नहीं थे कि वह उसकी अंतिम क्रिया कर सकते। जिस वजह से इंस्पेक्टर ने खुद अपने सिपाहियों के साथ श्मशान घाट जाकर उसका अंतिम संस्कार किया।

क्या है मामला: बताया जा रहा है कि फर्रुखाबाद जिले के मऊ थाना क्षेत्र के टाउन हॉल में रहने वाले सोनू बाथम (30) के माता पिता का 15 साल पहले निधन हो चुका था। सोनू का छोटा और बड़ा भाई मोनू परिवार के साथ दिल्ली में रहता है और मजदूरी करके परिवार का पालन पोषण करता है। लेकिन इस बीच लंबे समय से बीमार चल रहे सोनू ने इलाज के दौरान राम मनोहर लोहिया अस्पताल में दम तोड़ दिया। अस्पताल के डॉक्टरों ने सोनू के मौत की खबर मऊ थाने में दी तो पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

अंतिम संस्कार के पैसे नहीं: जब इस घटना की जानकारी मऊ थाने के इंस्पेक्टर डॉ विनय प्रकाश राय को हुई तो उन्होने मृतक के परिजनो और रिश्तेदारों से संर्पक किया। हैरान कर देने वाली बात तब हुई जब इंस्पेक्टर ने मृतक के भाई को फोन किया तो उसने कहा कि मै दिल्ली से नहीं आ पांउगा, क्योंकि पास इतने पैसे नहीं है कि भाई का अतिंम सस्कार कर सकूं। आप जैसा चाहो करो मुझसे कोई मतलब नही है।

पुलिसवालों ने किया अंतिम संस्कार: इंस्पेक्टर राय ने बताया कि जब बाथम का पोस्टमार्टम हो गया तो मुझे सिपाहियों ने बताया कि उसका शव कोई लेने के तैयार नहीं है। जिसके बाद मैं फोर्स के साथ शव को श्मशान घाट पर ले गया और रीति रिवाज के साथ उसका अंतिम संस्कार करवाया। बता दें कि इंस्पेक्टर के इस कार्य की हर तरफ सराहना हो रही है। उनके इस कार्य की सोशल मीडिया पर जमकर तारीफ़ हो रही है।