उत्तर प्रदेश की मऊ सदर सीट से विधायक रहे अब्बास अंसारी की विधायक सदस्यता खत्म हो गई है। अब्बास अंसारी को अधिकारियों को धमकी देने के मामले में 2 साल की सजा एमपी-एमएलए कोर्ट ने सुनाई थी। अब सजा मिलने के बाद अब्बास अंसारी की विधायकी भी खत्म हो गई है। अब्बास माफिया और पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी के बेटे हैं।

मऊ सदर विधानसभा सीट हुई रिक्त

यूपी विधानसभा के प्रमुख सचिव प्रदीप दुबे ने मऊ सदर विधानसभा रिक्त सीट घोषित करते हुए चुनाव आयोग को सूचित कर दिया है। रविवार को छुट्टी होने के बावजूद विशेष रूप से कार्यालय खोला गया और पत्र आयोग को भेज दिया गया। यानी अब मऊ सदर सीट पर विधानसभा उपचुनाव होगा।

मऊ सीट पर 1996 से अंसारी परिवार का कब्जा

मऊ विधानसभा सीट पर 1996 से अंसारी परिवार का कब्जा है। मुख्तार अंसारी ने 1996 में बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर मऊ सदर से पहली बार जीत हासिल की थी। उसके बाद वह लगातार चार बार फिर से विधायक चुने गए। इसमें दो बार निर्दलीय और एक बार अपनी पार्टी कौमी एकता दल के टिकट पर अब्बास अंसारी विधायक चुने गए थे। 2017 के विधानसभा के चुनाव में अब्बास अंसारी ने बहुजन समाज पार्टी से टिकट लेकर लड़ा था और जीत हासिल की थी।

मुख्तार अंसारी का बेटा हेट स्पीच मामले में दोषी करार, कोर्ट ने सुनाई 2 साल की सजा

हालांकि 2022 के विधानसभा चुनाव में मुख्तार अंसारी जेल में थे और उन्होंने अपने बेटे को यहां से उम्मीदवार बनाया। अब्बास अंसारी ने ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के टिकट पर जीत हासिल की। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी का गठबंधन समाजवादी पार्टी से था। हालांकि अब सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी एनडीए में शामिल हो गई है।

किन धाराओं के तहत दोषी ठहराए गए अब्बास?

कोर्ट ने अब्बास अंसारी को भारतीय दंड संहिता की धारा 189, 153A, 171F और 506 के तहत दोषी माना। अब्बास अंसारी को धारा 189 और 153A के तहत 2 साल की सजा सुनाई गई है। जबकि 171F के तहत 6 महीने की सजा और धारा 506 के तहत 1 साल की सजा सुनाई गई है। कोर्ट ने साफ कह दिया कि यह सारी सजाएं एक साथ चलेंगी। ऐसे में अब्बास अंसारी 2 साल बाद जेल से छूट जाएंगे। वहीं इस मामले में अब्बास अंसारी के छोटे भाई उमर अंसारी को भी आरोपी बनाया गया था, जिन्हें कोर्ट ने बरी कर दिया।

अब्बास अंसारी ने 2022 के विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान विवादित बयान दिया था। उन्होंने एक भड़काऊ भाषण दिया था और अधिकारियों को धमकी दी थी। इसके बाद मऊ के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।