उत्तर प्रदेश के कानपुर में मंगलवार रात को बस और टेंपो के बीच हुई भिड़ंत में 17 लोगों की मौत हो गई। वहीं करीब आधा दर्जन लोग घायल बताए गए हैं। रिपोर्ट्स में खुलासा हुआ है कि यह हादसा अचानक बिना किसी गलती के नहीं हुआ, बल्कि बस और टेंपो ड्राइवर दोनों की ही ओर से भयानक चूक हुईं, जिससे कई परिवारों को भयानक क्षति पहुंची है।

स्थानीय मीडिया के मुताबिक, टेंपो को टक्कर मारने वाली बस के चालक ने शराब पी रखी थी। उसकी चेकिंग भी हुई लेकिन आरटीओ विभाग की इतनी बड़ी लापरवाही रही कि चेकिंग के बावजूद उसे छोड़ दिया गया और बस चलाने के लिए क्लियरेंस मिल गई। बताया गया है कि बस उन्नाव से चलने के बाद जब कानपुर में रुकी तो दोनों ड्राइवरों ने शराब पी ली। इसके बाद उनकी रास्ते में चेकिंग भी हुई, पर आरटीओ ने उन्हें निकल जाने दिया। फिलहाल इस मामले पर कानपुर एडीजी जोन और पुलिस कमिश्नर ने एसडीएम, आरटीओ और सीओ सदर की एक टीम बनाकर जांच के आदेश जारी कर दिए हैं।

प्रशासन की लापरवाही से हुआ भयानक हादसा: दूसरी ओर टेंपो में क्षमता से करीब तीन गुना अधिक लोग बैठे थे। यह हालात तब थे, जब पूरे यूपी में कोरोना प्रोटोकॉल के तहत प्रतिबंध लगे हैं और जगह-जगह पुलिस की पहरेदारी भी रखी गई है। इसके बावजूद टेंपो ड्राइवर ने 8 लोगों की क्षमता से करीब तीन गुना लोगों को ठूंसकर बिठा लिया था। यह सभी लोग एक फैक्ट्री में काम करते थे और टेंपो ड्राइवर उन्हें रोज ही यहां से लाता-ले जाता था।

हादसे ने उजाड़े कई परिवार: बस और टेंपो के बीच हुई इस भिड़ंत से कई मासूम परिवार उजड़ गए। दो-तीन घर तो ऐसे थे, जहां पर बड़ों का साया परिवार से उठ गया। कहीं किसी परिवार के तीन सगे भाई, तो कहीं दो सगे भाइयों की जान चली गई। बताया गया है कि लालेपुर गांव के रहने वाले तो 10 लोग मारे गए, जिनकी अर्थी बुधवार को एक साथ उठेगी।