आइआइटी कानपुर से बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) करने वाली छात्रा ने पटना के रहने वाले अपने एक साल सीनियर छात्र पर पिछले दो साल से यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। इस मामले की जांच प्रशासन ने महिला प्रकोष्ठ से करवाई और मामला सही पाया। इसके बाद छात्र को कॉलेज से निष्कासित कर दिया गया। छात्र ने इस संबंध में इलाहाबाद हाई कोर्ट में गुहार लगाई है।
आइआइटी के वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी (डिप्टी रजिस्ट्रार) ने बताया कि बीएससी फिजिक्स की तीसरे साल की छात्रा ने पांच जनवरी, 2016 को संस्थान की महिला प्रकोष्ठ को शिकायत की कि बीएससी फिजिक्स के ही एक सीनियर छात्र ने पिछले दो वर्षों में कई बार उसका यौन उत्पीड़न किया। छात्रा की इस शिकायत पर आइआइटी प्रशासन ने महिला प्रकोष्ठ को मामले की जांच करने को कहा।
जांच में छात्रा के आरोप सही पाए गए। इसके बाद सीनेट ने पांच अप्रैल, 2016 को छात्र को आइआइटी से निष्कासित कर दिया। आइआइटी से निष्कासन के बाद छात्र आइआइटी प्रशासन के खिलाफ हाई कोर्ट इलाहाबाद चला गया है। आइआइटी निदेशक प्रो इंद्रनील मन्ना ने बताया कि परीक्षा में आरोपी छात्र को नहीं बैठने दिया गया है।
निष्कासित छात्र इलाहाबाद हाई कोर्ट चला गया, जिस पर हाई कोर्ट ने आइआइटी से कुछ सवाल पूछे हैं। इसके जवाब आइआइटी हाई कोर्ट को भेजेगा। उनसे पूछा गया कि छात्र की परीक्षा का क्या होगा। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि हाई कोर्ट जो फैसला करेगा, उसे सीनेट में रखा जाएगा। उसके बाद हम हाई कोर्ट के फैसले के अनुसार कार्रवाई करेंगे।