उत्तर प्रदेश के लखनऊ में सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान एक मंत्री का नायब तहसीलदार से कथित तौर पर अभद्र व्यवहार करने का मुद्दा इस वक्त जोर पकड़ रहा है। बताया गया है कि यूपी सरकार में महिला कल्याण, बाल विकास और पोषण मामलों की राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाती सिंह ने लोगों के सामने नायब तहसीलदार को गुंडा बुला दिया। इस घटना का एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

वीडियो में स्वाती सिंह की क्या बात हुई रिकॉर्ड?: तहसील दिवस के मौके पर स्वाती सिंह लखनऊ के सरोजिनी नगर इलाके में एक कार्यक्रम में पहुंचीं थीं। यहां से जो वीडियो सामने आया, उसमें स्वाती सिंह को इलाके के नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी पर जुबानी हमला करते सुना जा सकता है। वे कहती हैं- “ये नायब तहसीलदार है या गुंडा है? मुझे मेरे तहसीन में ऐसे लोग नहीं चाहिए, जो नुइसेंस क्रिएट (रुकावटें पैदा) करते हैं। और यहां पे तहसील दिवस है, तुम कहां घूम रहे हो? कहां थे? सारे अधिकारी तो यहां बैठे हैं।”

नायब तहसीलदार ने क्या कहा?: इस वीडियो के सामने आने के बाद स्वाती सिंह से संपर्क नहीं किया जा सका। दूसरी तरफ नायब तहसीलदार मनीष त्रिपाठी ने कहा कि मंत्री उनसे नाखुश हैं, क्योंकि वे लगातार राजधानी में रेत खनन माफियाओं के खिलाफ काम कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा, “मैं हमेशा हथियार अपने साथ रखता हूं, क्योंकि मुझे अपनी सुरक्षा का खतरा महसूस होता है। ये लाइसेंसी है और वरिष्ठ अधिकारी इस बारे में जानते हैं। मैं इसे अपने साथ रखता हूं, क्योंकि कई बार मुझे अकेले ही रात में छापा मारने जाना पड़ता है। और मुझे उन रेत माफियाओं से बिल्कुल सुरक्षित महसूस नहीं होता, जो शहर में काम कर रहे हैं।”

त्रिपाठी ने बताया कि इसी आधार पर मंत्री स्वाती सिंह ने उन्हें गुंडा कहा। पिछले साल सितंबर में इलाके के नायब तहसीलदार बने त्रिपाठी के मुताबिक, “मंगलवार को जब मैं ऑफिस में काम कर रहा था, तब मंत्री के पीएसओ ने मुझे फोन कर कहा कि वे मुझे कार्यक्रम में उपस्थित चाहती हैं। इसके बाद जब मैं कार्यक्रम में शामिल नहीं हो पाया, तो उन्होंने मुझे डांट लगाई।”

नायब तहसीलदार ने कहा, “मैं इलाके में भूमाफियाओं के खिलाफ भी काम करता हूं। पूर्व में कई अधिकारी लखनऊ में रेत माफियाओं द्वारा मारे जा चुके हैं। मैंने तहसील में अवैध रेत माफियाओं को पकड़ने के लिए काफी मेहनत की है।”

डीएम-एसडीएम का बोलने से इनकार: इस मामले पर जब लखनऊ के डीएम अभिषेक प्रकाश से संपर्क किया गया, तो उन्होंने एसडीएम से बात करने की सलाह दे दी। हालांकि, एसडीएम प्रफुल त्रिपाठी ने कई बार कोशिश करने के बावजूद मामले पर कोई बयान नहीं दिया। मंत्री स्वाती सिंह से भी संपर्क की कई कोशिशें की गईं।