जिस ताजमहल पर बीजेपी नेताओं का गुस्सा फूटा था, उत्तर प्रदेश की योगी सरकार उसी के सहारे निवेशकों को लुभाने की तैयारी में है। जी हां! राज्य सरकार ने ‘यूपी इनवेस्टर्स समिट- 2018’ के लिए तैयार ब्रॉशर (विवरण पुस्तिका) में विश्वप्रसिद्ध ताजमहल का प्रमुखता से उल्लेख किया है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा तैयार 22 पृष्ठों के ब्रॉशर में ताजमहल का चार बार उल्लेख किया गया है। मालूम हो कि पिछले कुछ महीनों में भाजपा नेताओं ने ताजमहल के खिलाफ बयान दिया था।

यूपी इनवेस्टर्स समिट- 2018 में निवेशकों को लुभाने के लिए तैयार ब्रॉशर में ताजमहल को दिखाया गया है। साथ ही एक्सप्रेसवे का उल्लेख करते हुए बेहतर संपर्क मार्ग को निवेश करने के लिहाज से प्रमुख वजह बताया गया है। ब्रॉशर के हिस्से में ‘स्टेट ऑफ इनवेस्टमेंट’ टाइटल के साथ निवेशकों को खूबियों के बारे में भी बताया गया है। इस हिस्से में लिखा है, ‘लोनली प्लैनेट पत्रिका ने ताजमहल को वर्ष 2016-17 में भारत के सबसे बेहतरीन कल्चरल डेस्टीनेशन का खिताब दिया था।’ इस पेज पर ताजमहल का बड़ा सा फोटो भी लगाया गया है। इस तरह पूरे ब्रॉशर में इस ऐतिहासिक इमारत का चार बार उल्लेख किया गया है। मालूम हो कि देश और दुनिया के निवेशकों को आकर्षित करने के लिए उत्तर प्रदेश में इनवेस्टर्स समिट का आयोजन किया जाता है। उत्तर प्रदेश के अलावा झारखंड, गुजरात, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे राज्य भी इस तरह का आयोजन करते हैं, ताकि निवेशकों को आकर्षित किया जा सके।

योगी आदित्यनाथ की सरकार ने ताजमहल को टूरिस्ट डेस्टीनेशन की सूची से हटा दिया था। इस पर काफी विवाद भी हुआ था। इससे पहले अक्टूबर में भाजपा विधायक संगीत सोम ने ताजमहल को भारतीय संस्कृति पर धब्बा बताया था। साथ ही कहा था कि मुगल शासकों ने उतर प्रदेश और हिंदुस्तान के सभी हिंदुओं का सर्वनाश किया था। लिहाजा ऐसे शासकों और उनकी इमारतों का नाम अगर इतिहास में रहेगा तो उसे बदला जाएगा। हालांकि, भाजपा के अन्य नेताओं ने इसे सोम का निजी विचार करार दिया था। उत्तर प्रदेश सरकार के नए ब्रॉशर के पहले पेज पर राज्य में मौजूद आधारभूत संरचना के बारे में भी जानकारी दी गई है। इसमें आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेसवे का भी उल्लेख है।