उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की कड़ी आलोचना की है। एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि योगी सरकार इन दिनों सपा सरकार द्वारा शुरू की गई परियोजनाओं का उद्धाटन करने में व्यस्त है। मायावती से चुनावी गठजोड़ करने पर उठाए सवालों पर भी उन्होंने स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की। अखिलेश ने बताया कि उन्होंने यह गठबंधन सामाजिक न्याय के लिए किया और इसकी तुलना जम्मू-कश्मीर में भाजपा-पीडीपी गठजोड़ से नहीं की जा सकती है। चुनावी जीत पर पूछे गए एक सवाल पर यूपी के पूर्व सीएम ने कहा कि योगीजी का आशीर्वाद हम पर बना रहेगा तभी हम जीतेंगे। बता दें कि उत्तर प्रदेश में हाल में विभिन्न लोकसभा और विधानसभा सीटों के लिए हुए उपचुनावों में सपा और बसपा के अलावा अन्य विपक्षी दलों ने भी एकजुट होकर भाजपा के खिलाफ साझा उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतारा था। इसमें विपक्ष को बड़ी सफलता हासिल हुई थी। यहां तक कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने गढ़ गोरखपुर सीट को भी बचाने में नाकाम रहे। हालांकि, सपा-बसपा गठजोड़ पर शुरु से ही सवाल उठते रहे हैं। दोनों दलों के बीच कई मसलों को लेकर जबरदस्त मतभेद हैं। इसके अलावा दोनों दलों का प्रभाव भी उत्तर प्रदेश तक ही सीमित हैं।
#IndiaKaDNA @yadavakhilesh slams @myogiadityanath says, योगीजी का आशीर्वाद हम पर बना रहे, तभी हम जीतेंगे pic.twitter.com/PpLyaPCi3R
— prasad sanyal (@prasadsanyal) June 20, 2018
After BJP lost Phoolpur, Kairana no one seems to be saying the Opposition doesn’t have a narrative. We’ve built a narrative around social justice: @yadavakhilesh at @ZeeNews #IndiaKaDNA pic.twitter.com/ov2Mc9B8wg
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#IndiaKaDNA @yadavakhilesh answers tough questions on alliance with #Mayawati , says that’s an alliance about social justice and there are no parallels between this and the BJP-PDP alliance in #JammuAndKashmir pic.twitter.com/Qe6kakLZk5
— prasad sanyal (@prasadsanyal) June 20, 2018
उपचुनावों में जीत से बदली तस्वीर!: फूलपुर, गोरखपुर और कैराना लोकसभा सीटों पर हुए उपचुनावों में भाजपा को हार का सामना करना पड़ा था। वर्ष 2014 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी ने इन तीनों सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन तीनों सीटें केंद्र और उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के हाथ से जाती रही। इस पर अखिलेश ने कहा कि फूलपुर और कैराना में बीजेपी के हारने के बाद कोई भी यह नहीं कह रहा कि विपक्ष के पास कोई वैचारिक सिद्धांत नहीं है। बकौल अखिलेश, विपक्ष ने सामाजिक न्याय को लेकर नया विचार गढ़ा है। बता दें कि अगले साल लोकसभा के चुनाव होने हैं, ऐसे में विपक्षी दलों में चुनावी गठजोड़ विकसित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। विभिन्न विकल्पों पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। अखिलेश यादव ने इस मौके पर पश्चिम बंगाल सरकार की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि ममता का ट्रैक रिकॉर्ड को भी बेहतर बताया। मालूम हो कि कई क्षेत्रीय पार्टियां बीजेपी के खिलाफ साझा मंच तैयार करने में जुटी हैं। इनमें से कुछ दल गैर कांग्रेसी फोरम के हिमायती हैं। बता दें कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी. कुमारास्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में तमाम दलों के नेता जुटे थे। इनमें से कुछ दलों ने बेंगलुरु में अलग से बैठक भी की थी, जिसमें कांग्रेस के प्रतिनिधि शामिल नहीं थे।