किशोर न्याय बोर्ड गाजीपुर के न्यायपीठ सदस्य जय प्रकाश भारती के पत्र को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक ने प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकोंऔर पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया है कि किसी किशोर को हिरासत में लेने के बाद जल्द से जल्द उसके माता-पिता या अभिभावक को इसकी सूचना दें। ऐसा न करने वाले थानेदारों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

भारती ने बीते साल पुलिस महानिदेशक को पत्र भेज कर किशोर न्याय, बालकों की देख-रेख और संरक्षण अधिनियम 2000 की धारा 13 पर ध्यान खींचा था। न्यायपीठ सदस्य ने अपने पत्र में लिखा था कि यह देखने में आ रहा है कि पुलिस की ओर से अधिकांश मामलों में किशोर की गिरफ्तारी की सूचना उसके माता-पिता या अभिभावक को नहीं दी जा रही है। जो कानून के खिलाफ है। जिसके परिणाम स्वरूप किशोरों को अधिनियम के अनुरूप सहायता समय पर नहीं मिल पा रही है।

पुलिस महानिदेशक ने भारती को बताया कि उत्तर प्रदेश के सभी वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों और पुलिस अधीक्षकों को आदेश दिया गया है कि वह अपने अधीनस्थ थानेदारों को आदेश दें कि वे अधिनियम के अनुरूप किसी प्रकरण में किशोर को गिरफ्तार करें तो उसकी सूचना तुरंत उसके माता-पिता या अभिभावक को दें। भविष्य में कानून के पालन में लापरवाही किए जाने की सूचना मिले तो संबंधित थानेदार के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाए।

पुलिस महानिदेशक ने अपने पत्र की प्रति सभी जोनल पुलिस महानिदेशक और सभी परिक्षेत्रीय पुलिस उपमहानिरीक्षक को भी भेजी है। न्यायपीठ सदस्य भारती ने उम्मीद जतायी है कि पुलिस महानिदेशक के आदेश का पालन अब थानेदार जरूर करेंगे। किशोरों की गिरफ्तारी की सूचना किशोर न्याय अधिनियम की व्यवस्था के तहत तत्काल उसके माता-पिता या संरक्षक को देंगे, जिससे किशोरों को राहत मिलेगी। उन्होंने खुशी जाहिर की है कि पुलिस महानिदेशक ने उनके पत्र पाने के सप्ताह भर के भीतर आदेश जारी किया।