मकर संक्रांति के अवसर पर देश भर में श्रद्धालु घाटों पर आस्था की डुबकी लगा रहे है। लेकिन उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पवित्र गोमती नदी में कूड़े-कचरे और प्रदूषण की वजह से लोग बिना स्नान किए ही वापस लौट रहे है। श्रद्धालुओं का कहना है कि लोग फूल-माला आदि अपशिष्ट पदार्थ नदी में फेंक देते हैं जबकि सरकार ने इस पर प्रतिबंध लगा रखा है।
दरअसल, देश भर में मकर संक्रांति का त्यौहार मनाया जा रहा है। इस दौरान लोग पवित्र नदियों में स्नान के लिए जाते है। इस बीच लखनऊ की गोमती नदी में स्नान के लिए पहुंचे श्रद्धालु नदी में कचरे का अंबार देख बिना स्नान किए ही वापस लौट रहे है। गोमती नदी के कुड़िया घाट पर स्नान के लिए पहुंचे कुछ श्रद्धालु नदी में गंदगी देखकर बिना डुबकी लगाए ही वापस लौट गए। उनका कहना है कि लोगों ने नदी में फूल- मालाओं समेत कई तरह के अपशिष्ट पदार्थ डाल रखे जिसकी वजह से नदी बहुत प्रदूषित है। श्रद्धालु ने कहा कि हालांकि सरकार ने ऐसा न करने के लिए कहा है लेकिन मकर संक्रांति पर्व को दखते हुए पहले से ही सरकार को इसे साफ करना चाहिए था।
Lucknow: Some devotees return without taking a holy dip in Gomti river on #MakarSankranti because of the pollution in the river; a devotee says, 'people throw flowers etc in river even though govt has asked us not to. Govt should have cleaned it ahead of #MakarSankranti' pic.twitter.com/ox9lvMtPQw
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) January 14, 2019
गौरतलब है कि गोमती नदी में नालों का गंदा पानी सीधे गिराया जाता रहा है। हाल ही में गंदगी इस कदर बढ़ी कि पानी की सतह पर झाग तैरता हुआ दिखा था। हालाँकि अधिकारियों का दावा है कि पानी को ट्रीट करवाकर नदी में गिराया जा रहा है। बता दें कि गोमती ऐक्शन प्लान, रिवर फ्रंट और नमामि गंगे समेत गोमती सफाई को लेकर केंद्र और प्रदेश सरकारों ने करीब 1000 करोड़ रुपये से ज्यादा के प्रॉजेक्ट बनाए हैं।