मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को आगरा में बन रहे मुगल म्यूजियम (Agra Mughal Museum) का नाम बदलने का ऐलान किया है। सीएम योगी ने सोमवार को कहा कि आगरा में निर्माणाधीन मुगल म्यूजियम, छत्रपति शिवाजी महाराज (Chatrapati Shivaji Maharaj) के नाम पर स्थापित होगा। ताजमहल के पूर्वी गेट पर बन रहा यह संग्रहालय करीब 150 करोड़ का प्रॉजेक्ट है।

उन्होंने कहा है कि उत्तर प्रदेश सरकार राष्ट्रवादी विचारों को पोषित करने वाली है। सीएम योगी ने कहा कि गुलामी की मानसिकता के प्रतीक चिन्हों को छोड़, राष्ट्र के प्रति गौरवबोध कराने वाले विषयों को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। हमारे नायक मुगल नहीं हो सकते। सीएम योगी ने कहा कि छत्रपति शिवाजी महाराज हमारे नायक हैं।

पूरे भारत में मुगलों की छाप कितनी मजबूत है? मुगलों का शासन (1526-1857) भारत के इतिहास और संस्कृति के साथ अविभाज्य रूप से जुड़ा हुआ है। ऐतिहासिक स्मारकों के अलावा जो उन्होंने बनवाये थे, मुग़लों के शासन की सबसे अधिक जिंदा विरासत आज भारत भर के विभिन्न कस्बे और गांव है, जिनका नाम मुगल शासकों के नाम पर हैं। 6 लाख शहरों ,नगरों और गांवों जिनसे मिलकर आज का भारत बनता है। इनमें से 704 स्थानों के नाम मुग़लों के पहले छह शासक बाबर, हुमांयू, अकबर, जहांगीर, शाहजहां और औरंगजेब के नाम पर हैं।

1556 में अकबर के सिंहासन ग्रहण करने से लेकर 1707 में औरंगजेब की मृत्यु तक मुग़ल साम्राज्य अपने उत्कर्ष पर था। मुगल राजवंश की स्थापना बाबर ने की थी, जिसने 1526 में पानीपत की पहली लड़ाई में दिल्ली के सुल्तान इब्राहिम लोधी को हराया था और अगले चार वर्षों तक शासन किया। बाबर के पुत्र, हुमायूँ ने उथल-पुथल के दौरान राज्य पर नियंत्रण खो दिया, उसके बाद अफगान सूर वंश ने 1540 के (जब कन्नौज की लड़ाई में शेर शाह सूरी ने हुमायूँ को हरा दिया था) से 1555-56 तक उत्तर भारत के एक बहुत बड़े हिस्से पर शासन किया।

किस मुगल शासक के नाम पर सबसे ज्यादा जगहों के नाम है: भारत में अकबर के नाम पर 251 गांवों और कस्बों के नाम हैं, जो सभी मुगल शासकों में सर्वाधिक है। उसके बाद औरंगजेब के नाम पर 177, जहांगीर के नाम पर 141, शाहजहां के नाम पर 63, बाबर के नाम पर 41 और हुमांयू के नाम पर 11 जगहों के नाम हैं।