केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ राजधानी दिल्ली से सटे बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों के आंदोलन का आज 22वां दिन है। इसी बीच उत्तर प्रदेश के शामली में 2 किसानों ने ट्रैक्‍टर चलाकर अपनी लाखों की गोभी की फसल नष्‍ट कर दी है। शामली की मंडियों में एक रुपये किलो गोभी बिक रही है जिसके चलते किसानों को बेहद नुकसान हो रहा है।

गोभी की इतनी कम कीमत के चलते कटाई-ढुलाई भी मेंहंगी पड़ रही है। जिसके बाद किसानों ने अपनी 15 बीघा गोभी की फसल ट्रैक्टर चलाकर नष्ट कर दी। साथ ही उन्होंने नए कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर दिल्ली में लगातार चल रहे किसान आंदोलन का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानून किसानों के लिए नुकसानदायक हैं।

मीडिया से बात करते हुए मायापुर निवासी किसान रमेश ने कहा “गोभी बिक नहीं रही है। एक रुपये किलो बिक रही है। 76 कट्टे दिल्ली मंडी में बेचने के लिए ले गया था, लेकिन वहां कई दिनों बाद भी उसकी गोभी नहीं बिक पाई। इतने दिनों में गोभी खराब भी हो गई थी।” रमेश ने कहा कि खून पसीने से अपने खेत में करीब 5 बीघा शानदार गोभी की फसल उगाई थी। इसकी कीमत कम से कम एक लाख रुपये थी। जब कहीं से पैसा नहीं आया तो ट्रैक्‍टर चलाकर फसल नष्‍ट कर दी।

रमेश ने कहा कि सरकार के नए कानून से किसान को नुकसान ही होगा। अभी भी हो रहा है आगे भी होगा। दिल्ली में जो आंदोलन चल रहा है वह सही है।  इसी तरह, गांव झाडखेड़ी निवासी किसान तनवीर ने भी अपनी करीब 10 बीघा गोभी की फसल पर ट्रैक्टर चलाकर उसे नष्ट कर दिया। किसान तनवीर ने बताया कि जितने रुपये खर्च करके वह गोभी को मंडी लेकर जाएंगे, वहां पर उसका मूलधन भी वापस नहीं होने वाला है। लिहाजा फसल को खेत में ही नष्ट कर देना सही है। 10 बीघा गोभी की फसल की अनुमानित कीमत दो लाख रुपये बताई जा रही है।