उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड स्थित बांदा जिले में केन नदी कि 24 घंटे इफाजत की जा रही है। यूपी पुलिस दिन हो या रात यहां पर पहरा दे रही है। वजह है यहां बालू की अवैध खुदाई को रोकना और नदी की मौजूदा धारा को बनाए रखना।
इसके लिए यूपी पुलिस के जवान नदी के आस-पास जगह-जगह तैनात किए गए हैं। पुलिस बल नदी के आस-पास बालू की अवैध खुदाई को रोकने के लिए लगातार नजर रखते हैं। जिले के किसानों का आरोप है कि केन नदी की जलधारा में की गई बालू की अवैध खुदाई से पेयजल संकट पैदा हुआ है।
अवैध खुदाई से हुए जल संकट की वजह से इन दिनों लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यहां लोग कई-कई किलोमीटर पैदल चलकर अपने लिए पानी की व्यवस्था कर रहे हैं।
लगभग सूख चुकी नदी में अवैध बालू खनन से ऐसी सतर्कता बेहद जरूरी हो चुकी है। कुछ दिनों पहले खनिकों ने बालू निकालने के लिए नदी में पानी की आखिरी बची हुई धाराओं को मोड़ दिया। बांदा में पानी की आपूर्ति पहले से ही पूरी तरह बंद है।
पुलिस नदी के आस-पास नजर रखने के लिए दूरबीन का इस्तेमाल और लगातार पेट्रोलिंग कर रही है। ड्यूटी पर तैनात एक पुलिसकर्मी दयाशंकर पांडे ने बताया ‘हम नदी के आस-पास कड़ी निगरानी रख रहे हैं। कोई भी किसी भी वजह से नदी को नुकसान नहीं पहुंचा सकेगा। हम 24 घंटे निगरानी कर रहे हैं। जब हम यहां से चले जाते हैं तो निगरानी के लिए दूसरी पुलिस टीम आ जाती है। हम तब तक यहां निगरानी करेंगे जब तक पानी की समस्या खत्म नहीं हो जाती।’
वहीं जिले के जल आपूर्ति विभाग के प्रभारी आरके कनौजिया के मुताबिक खनन हद से ज्यादा होता है तो नदी को भारी नुकसान होता है और उसका मुख्य जल प्रवाह बाधित होता है।’
मानसून ने भी किया प्रभावित: बांदा जिले में बारिश न होना पानी की कमी की सबसे बड़ी वजहों में से एक है। मौसम विभाग के आंकड़ों के मुताबिक बुंदेलखंड का बांदा जिला बीते एक महीने से मानसून बारिश का इंतजार कर रहा है। बांदा में बारिश हुई भी है तो नाम मात्र की। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक बांदा में बारिश सामान्य से 75 प्रतिशत कम हुई है।