दिल्ली के बाद उत्तर प्रदेश के बहराइच में भी बुलडोजर कार्रवाई देखने को मिल गई है। राज्य की योगी सरकार का कहना है कि हाई कोर्ट के आदेश के बाद इस कार्ररवाई को अंजाम दिया गया है, लेकिन नाराज समाजवादी पार्टी ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया है। जोर देकर कहा गया है कि जब सुप्रीम कोर्ट ने बुलडोजर एक्शन पर रोक लगा रखी है, तो किस आधार पर ऐसी कार्रवाई हो रही है।
बहराइच में क्यों चला बुलडोजर?
जानकारी के लिए बता दें कि उत्तर प्रदेश के बहराइच में 23 अवैध भवनों को हटाने की तैयारी शुरू हो गई है। बुलडोजर के जरिए इलाके को साफ किया जा रहा है। ऐसा आरोप है कि सरकारी जमीन पर अवैध तरीके से इन भवनों का निर्माण करवाया गया था। अब स्थानीय प्रशासन का कहना है कि उन्होंने कई मौकों पर नोटिस जारी किए थे, बता दिया गया था कि यह भवन अवैध तरीके से बनाए गए हैं, लेकिन फिर भी लोगों ने घर खाली नहीं किए। इसके बाद हाई कोर्ट ने भी जब सरकारी जमीन को खाली करने का आदेश सुनाया तो अब यह बुलडोजर चलता दिख रहा है।
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बहराइच के लोगों ने क्या बताया?
अब स्थानीय लोगों का दावा है कि वे पिछले 50 सालों से यहां पर रह रहे हैं, तब किसी ने कोई आपत्ति नहीं जताई, लेकिन अब जानबूझकर विशेष लोगों के खिलाफ ही एक्शन लिया जा रहा है। समाजवादी पार्टी ने भी आरोप लगाया है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद भी इस तरह की कार्रवाई कैसे हो सकती है। एक सपा नेता का तो यहां तक कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने ही बुलडोजर को गैराज में खड़ा कर दिया था, अब यूपी की जनता बुलडोजर बाबा को भी गैराज में लगा देगी।
सुप्रीम कोर्ट का क्या आदेश था?
वैसे इससे पहले राजधानी दिल्ली में भी 22 इमारतों पर बुलडोजर एक्शन की बात सामने आई थी। असल में पुलिस ड्रग पैडलर्स के खिलाफ एक्शन चाहती थी, उनकी तरफ से एमसीडी से कहा गया था कि जल्द से जल्द उन इमारतों को गिराया जाए। अब जानकारी के लिए बका दें कि सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सुनवाई के दौरान साफ कहा था कि आरोपी के खिलाफ भी ऐसे ही बुलडोजर कार्रवाई को अंजाम नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा था कि वो एक विस्तृत गाइडलाइन जारी करेगा।