बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा द्वारा अपनी पार्टी आरएलएसपी का जेडीयू में विलय किए जाने के बाद रविवार को कुशवाहा को जेडीयू राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की। पटना स्थित जेडीयू के प्रदेश मुख्यालय में रविवार (14 मार्च, 2021) को आयोजित एक समारोह के दौरान आरएलएसपी का जेडीयू में विलय पर खुशी जाहिर करते हुए नीतीश कुमार ने कुशवाहा को तत्काल प्रभाव से पार्टी का राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड का अध्यक्ष बनाए जाने की घोषणा की।

मालूम हो कि उपेंद्र कुशवाहा करीब आठ साल बाद दोबारा जेडीयू में लौटे हैं। इससे पूर्व मुख्यमंत्री ने कुशवाहा को गुलदस्ता भेंट करके उनका जदयू में स्वागत किया। ऐसी चर्चाएं रही हैं कि पूर्व में नीतीश कुमार के दल समता पार्टी और बाद में जदयू में रहे उपेंद्र कुशवाहा को 2004 में पहली बार विधायक बनकर आने के बावजूद कुमार ने कई वरिष्ठ विधायकों की अनदेखी करके कुर्मी और कुशवाहा जातियों के साथ एक शक्तिशाली राजनीतिक साझेदारी को ध्यान में रखते हुए बिहार विधानसभा में प्रतिपक्ष का नेता बनाया था।

2013 में जदयू के राज्यसभा सदस्य रहे कुशवाहा ने विद्रोही तेवर अपनाते हुए जदयू ने नाता तोड़कर रालोसपा नामक नई पार्टी का गठन कर लिया था। वह 2014 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग का हिस्सा बन गए थे और उस चुनाव के बाद कुशवाहा को नरेंद्र मोदी सरकार में शिक्षा राज्य मंत्री बनाया था। जुलाई 2017 में जदयू की राजग में वापसी ने समीकरणों को एक बार फिर बदल दिया और रालोसपा इस गठबंधन ने नाता तोड़कर राजद के नेतृत्व वाले महागठबंधन का हिस्सा बन गई थी। 2019 के लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने काराकाट और उजियारपुर लोकसभा सीटों से चुनाव लड़स था लेकिन वह हार गए थे।

2020 के बिहार विधानसभा चुनाव से पहले कुशवाहा ने महागठबंधन से नाता तोड़कर मायावती की बसपा और एआईएमआईएम के साथ नया गठबंधन बनाकर यह चुनाव लड़ा था। बिहार विधानसभा चुनाव में रालोसपा प्रमुख कुशवाहा को उनके गठबंधन द्वारा मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश किया गया था लेकिन इनके गठबंधन में शामिल हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने मुस्लिम बहुल सीमांचल क्षेत्र में जहां पांच सीट जीती थी, वहीं रालोसपा एक भी सीट नहीं जीत पाई थी।

इधर पूरे घटनाक्रम पर विपक्षी दल आरजेडी ने तंज कसा है। वरिष्ठ आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी ने कहा- नीतीश कुमार को सीएम पद अब उपेंद्र कुशवाहा को सौंप देना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘भाजपा चिराग पासवान का इस्तेमाल कर जिस तरह नीतीश कुमार को अपमानित किया, उससे जाहिर है कि इससे कहीं ना कहीं सीएम के साथ उपेंद्र कुशवाहा भी परेशान हुए। हालांकि अब समय आ गया है कि ‘लव’ को अपने भाई ‘कुश’ को सीएम पद सौंप देना चाहिए। क्योंकि लव-कुश जेडीयू के गठन का आधार था।’