एक पिता जिसकी गोद में खेल कर बेटा बड़ा हुआ, अगर उसी बेटे की लाश को अपने ही घर में डीप फ्रीजर में रखना पड़े तो सोचिए उनपर क्या गुजर रही होगी। ये किसी फिल्म की कहानी नहीं बल्कि यूपी के सुल्तानपुर की सच्ची घटना है।

जब यह मामला तुल पकड़ा और पिता ने अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तब जाकर सुल्तानपुर जिला प्रशासन ने 33 वर्षीय व्यक्ति के पोस्टमार्टम के आदेश दिए हैं। कुरेभर क्षेत्र के सरैया मझौ गांव निवासी सेवानिवृत्त सूबेदार शिवप्रसाद पाठक ने 1 अगस्त को अपने बेटे शिवांक (33) का शव 24 दिनों से डीप फ्रीजर में रख रखा है। शिवांक की मौत दिल्ली में हुई थी और परिवार इसे संदिग्ध मान रहा है।

दिल्ली में पोस्टमार्टम होने के बाद पिता अपने बेटे की लाश को लेकर घर चले आए। पिता ने कहा कि उन्होंने कुरेभर पुलिस स्टेशन को सूचित किया, लेकिन उनकी दलीलें नहीं सुनी गई। बाद में, एक स्थानीय अदालत ने मृतक के पिता द्वारा पोस्टमार्टम के लिए फिर से आदेश देने और चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज करने की याचिका को खारिज कर दिया था। अदालत ने 18 अगस्त को अधिकार क्षेत्र के आधार पर याचिका खारिज कर दी थी।

शिवांक 2012 में दिल्ली गया था और एक कॉल सेंटर में काम करता था। 24 अप्रैल 2012 को उसने एक अन्य व्यक्ति के साथ मिलकर एक कंपनी शुरू की। कंपनी पार्टनर ने गुरलीन कौर को एचआर डिपार्टमेंट में नियुक्त किया। शिवांक ने 2013 में गुरलीन से ही शादी कर ली थी।

पिता ने आरोप लगाया कि चूंकि शिवांक के नाम बहुत बड़ी संपत्ति है, इसलिए गुरलीन की नजर इस पर थी। उन्होंने यह भी दावा किया कि उनके बेटे की हत्या कर दी गई थी, लेकिन पुलिस ने कोई मामला दर्ज नहीं किया और पोस्टमार्टम के बाद शव उन्हें सौंप दिया गया।

इस बीच, मामले की जानकारी मिलने के बाद सुल्तानपुर की सांसद मेनका संजय गांधी ने मृतक के पिता को आश्वासन दिया है कि वह दिल्ली पुलिस आयुक्त से बात कर न्याय दिलाएंगी। अब जाकर जिला प्रशासन ने दोबारा पोस्टमार्टम करने का आदेश दिया है।