लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के बीच खूनी झड़प के बाद देश में चीनी उत्पादों और वहां की तकनीक के बहिष्कार की मांग जोरों पर है। इसी बीच, TikTok, Helo, UC Browser और SHARE-it सहित 52 मोबाइल ऐप्स को खतरनाक बताया जा रहा है। सोशल मीडिया पर वायरल मैसेज में इस बाबत कहा जा रहा है कि लोग अपने फोन्स से इन 52 चाइनीज ऐप्स को फौरन हटा दें, क्योंकि इनसे पर्सनल डेटा आदि निकलने का खतरा मंडरा रहा है।

वायरल मैसेज में कहा जा रहा है कि UP STF यानी उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स ने अपने कर्मचारियों और उनके परिजन से इन ऐप्स को तत्काल फोन्स से हटाने के लिए कहा है। सादे कागज पर जारी वायरल आदेश को यूपी एसटीएफ की ओर से जारी किया हुआ बताया जा रहा है, जिसमें लिखा है- यूपी एसटीएफ के सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को आदेश है कि वे अपने और अपने परिजन के फोन्स से निम्नवत एंड्रॉयड ऐप्स हटा दें। गृह मंत्रालय ने भी इन ऐप्स को हटाने के लिए सलाह दी है। ये सभी चीनी ऐप हैं और इनसे आपके फोन का निजी डेटा चोरी हो सकता है।

हालांकि, इस वायरल आदेश की प्रति में न तो ऑर्डर नंबर है और न ही किसी अफसर के दस्तखत। आदेश के लिए सादे कागज का इस्तेमाल हुआ है, जबकि आमतौर पर संगठन/संस्था/कंपनी द्वारा किसी भी जरूरी चीज/ऑर्डर के लिए लेटरहेड का प्रयोग किया जाता है। फिर भी इस आदेश की कॉपी फिलहाल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रही है। यूपी एसटीएफ ने इसे जारी किया है या नहीं और गृह मंत्रालय ने इस बाबत सलाह दी है? इस बारे में  अभी तक कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। न ही जनसत्ता डॉट कॉम इस आदेश की सत्यता की पुष्टि करता है।

भारत-चीन सीमा तनाव पर ताजा अपडेट, क्लिक करें

52 चीनी ऐप्स में ये भी हैंः Vigo Video, Vault Hide, Bigo Live, Welbo, We Chat, Beauty Plus, Club Factory, Like, Shein, News Dog, Photo Wonder, Clash of Kings, Mail Master, PUBG और CamScanner आदि।

दरअसल, हाल ही में देश की खुफिया एजेंसियों ने सरकार से चीन संबंधित 52 मोबाइल ऐप्स पर पूरी तरह प्रतबिंध लगाने की मांग की थी। जानकारी के मुताबिक, खुफिया एजेंसियों ने जिन ऐप्स के बारे में सरकार को जानकारी दी है, वे सभी बड़ी मात्रा में लोगों के मोबाइल से डेटा निकालने में जुटी हैं और उन्हें सुरक्षा के लिहाज से खतरनाक बताया गया है।

मीडिया रिपोर्ट्स में एक अधिकारी के हवाले से कहा गया था कि जो इनपुट्स मिले हैं, उस हिसाब से चीनी डेवलपर द्वारा बनाई गईं ऐप्स के स्पाईवेयर (जासूसी ऐप्स) के तौर पर इस्तेमाल की जा सकती हैं।

पहले भी कई रिपोर्ट्स आ चुकी हैं, जिनमें सुरक्षा से जुड़े लोगों को इन ऐप्स के इस्तेमाल से रोकने की सलाह दी गई थी। पश्चिमी देशों से जुड़ी सिक्योरिटी एजेंसी भी इन ऐप्स के खतरों पर लगातार रिपोर्ट्स भेजता रहा है। बता दें कि चीन पर लंबे समय से ही अपनी टेक डिवाइस और टेक्नोलॉजी के जरिए दूसरे देशों की जासूसी के आरोप लगते रहे हैं।