उत्तर प्रदेश में भी अब विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान (SIR) कराने की प्रक्रिया शुरू होने वाली है। यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (CEO) नवदीप रिणवा ने गुरुवार को सभी राजनीतिक दलों और मतदाताओं से SIR में सक्रिय सहयोग करने की अपील की है। नवदीप रिणवा ने बूथ स्तर पर अधिकारियों की सहायता के लिए बूथ स्तरीय एजेंटों (BLA) की नियुक्ति सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
CEO ने क्या कहा?
एक आधिकारिक बयान के अनुसार CEO ने यह भी निर्देश दिया कि 2003 की मतदाता सूची में सूचीबद्ध मतदाताओं की वर्तमान मतदाता सूची से मैपिंग का काम अगले तीन दिनों के भीतर पूरा कर लिया जाए। सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ एक वर्चुअल बैठक में नवदीप रिणवा ने पुनरीक्षण प्रक्रिया की प्रगति की समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत निर्देश जारी किए कि प्रक्रिया पारदर्शी, समावेशी और त्रुटिरहित रहे।
नवदीप रिणवा ने भारत निर्वाचन आयोग द्वारा एसआईआर को लेकर दिए गए दिशा-निर्देशों, कार्यक्रमों और इसकी प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, ‘‘एसआईआर के दौरान कहीं से भी गड़बड़ी की शिकायत नहीं आनी चाहिए। मतदाता सूची में नाम जोड़ने या हटाने की प्रक्रिया पूरी तरह से पारदर्शी हो और कोई भी अपात्र व्यक्ति मतदाता सूची में शामिल न होने पाए।”
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यूपी के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि सभी पात्र नागरिकों के नाम मतदाता सूची में सम्मिलित हो सके, इसके लिए पूरी सतर्कता बरती जाए। उन्होंने कहा कि आज की बैठक में शामली के जिला निर्वाचन अधिकारी बिना सूचना दिये अनुपस्थित थे। इस पर उन्होंने नाखुशी जाहिर करते हुये उनसे इस बारे में स्पष्टीकरण मांगने का भी निर्देश दिया।
सपा ने लगाया आरोप
कुछ दिन पहले विपक्षी समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने राज्य प्रशासन पर जमीनी स्तर पर पक्षपातपूर्ण और जाति-आधारित पोस्टिंग का आरोप लगाते हुए चुनाव आयोग से तुरंत सुधारात्मक कार्रवाई करने की मांग की थी। समाजवादी पार्टी ने आरोप लगाया कि बीएलओ, एडीएम (चुनाव) और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) की नियुक्ति “जाति और धर्म के आधार पर” की गई है। पार्टी ने उन्हें हटाने की मांग की।
