संभल शहर में स्थित मुगल कालीन जामा मस्जिद में पिछले रविवार को अदालत के आदेश पर सर्वे का काम शुरू किया गया था। इसके विरोध में भड़की हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई थी और एसडीएम समेत कम से कम 25 लोग घायल हो गए थे। इस दौरान हुए पथराव और आगजनी में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। पुलिस ने हिंसा के मामले में कुल सात मुकदमे दर्ज किये हैं। जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और हिंसा के मास्टरमाइंड की तलाश कर रही है।

पुलिस ने जांच के दौरान मोबाइल सीसीटीवी और ड्रोन कैमरा से 100 से ज्यादा पत्थरबाजों की पहचान की है। इनमें से 27 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिनमें कुछ नाबालिग भी शामिल हैं। पुलिस ने संभल में पुलिस बल पर पथराव और हिंसा फैलाने के आरोप में तीन महिलाओं को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्र रहमान बर्क और संभल सदर सीट से सपा के विधायक इकबाल महमूद के बेटे सुहेल के खिलाफ भी FIR दर्ज की है।

पुलिस की FIR में 700-800 अज्ञात आरोपी भी शामिल हैं। ऐसे में पुलिस यह जानने में लगी है कि आखिर इस हिंसा का मास्टरमाइंड कौन है? पुलिस सबसे पहले इस बात की जांच कर रही है कि हिंसा वाले दिन जमा मस्जिद के आसपास भीड़ किस के कहने पर इकट्ठा हुई?

संभल में मौजूद भीड़ को किसने उकसाया?

पुलिस की जांच में दूसरा सवाल यह है कि मौके पर मौजूद भीड़ को किसने उकसाया? पुलिस शाही जामा मस्जिद के आसपास के इलाकों में लगे मोबाइल डाटा की जानकारी इकट्ठा करने में लगी है ताकि ये पता लगाया जा सके कि हिंसा के समय कितने मोबाइल नंबर एक्टिवेट थे। पुलिस हिंसा के दौरान आसपास लगे और दंगाइयों द्वारा तोड़े गए CCTV कैमरों के DVR जप्त कर उनकी फुटेज रिकवर कर रही है ताकि दंगाइयों की पहचान की जा सके। इसके लिए एक स्पेशल टीम बनाई गयी है।

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CCTV फुटेज और कॉल रिकॉर्ड खंगाल रही पुलिस

संभल पुलिस ने अब तक 27 मोबाइल फोन फोरेंसिक लैब में जांच के लिए भेजे हैं ताकि डिलीट डाटा को रिकवर कर पता किया जा सके कि क्या दंगों की प्लानिंग पहले से की गई थी? पुलिस ने कुछ सोशल मीडिया हैंडल को आइडेंटिफाई कर इनके पोस्ट को एनालाइज कर रही है। पुलिस हिंसा के मामले में जल्द ही स्थानीय लोगों के बयान भी दर्ज करेगी ताकि आगे की कार्रवाई की जा सके।

Sambhal: पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर लगाए जाएंगे

उत्तर प्रदेश सरकार संभल में हाल ही में हुई हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान की भरपाई उपद्रवी तत्वों से करेगी। इन तत्वों की पहचान के लिए जगह-जगह उनके पोस्टर लगवाए जाएंगे। राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बुधवार को बताया, “प्रदेश सरकार संभल में हुई हिंसा में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ सख्त रुख अपना रही है। पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर जगह-जगह लगाए जाएंगे और उनसे नुकसान की वसूली की जाएगी। उनकी गिरफ्तारी के लिए सूचना देने वाले को इनाम भी दिया जा सकता है।”

संभल में हुई हिंसा के बाद जिला प्रशासन ने अपने आदेश में स्पष्ट कहा है कि 30 नवंबर तक बाहरी लोगों की एंट्री पर रोक रहेगी। इसके साथ ही प्रशासन द्वारा वाहन चेकिंग के बाद ही शहर में एंट्री दी जा रही है।

अधिकारियों को पता था कि तनाव बढ़ सकता है, लेकिन वे यह आकलन करने में विफल रहे कि स्थिति इतनी जल्दी काबू से बाहर हो सकती है। संभल हिंसा से कैसे चौंक गए अधिकारी