अगर दिल में कुछ कर गुजरने का सपना हो तो कोई भी बाधा आपसी सफलता में आडे़ नहीं आ सकती है। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की परीक्षा में पान विक्रेता की बेटी ने 21वीं रैंक हासिल की है। ज्योति चौरसिया को यूपी के गोंडा में सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट (एसडीएम) नियुक्त किया गया है। उनकी सफलता से पूरा परिवार उत्साहित है। ज्योति जब गोंडा आईं तो बेटी का स्वागत ढोल नगाड़े से हुआ। ज्योति को गोंडा के जिलाधिकारी डॉ. रोशन जैकब से प्रेरणा मिली।
6वीं कोशिश में मिली सफलता
ज्योति ने गोंडा में ग्रेजुएशन किया व लखनऊ में यूपीपीएससी की तैयारी शुरू की। वह 2015 से यूपीपीसीएस का टेस्ट दे रही थी लेकिन प्री भी नहीं निकाल पाती थी। परिजनों ने हौसले बढ़ाया और उसने हार नहीं मानी। मूल रूप से देवरिया जिले के रहने वाले ज्योति के पिता हेम चंद चौरसिया ने 17 फरवरी, 1997 को गोंडा में नौकरी नहीं मिलने के बाद अपने परिवार का भरण-पोषण करने के लिए पान की दुकान खोली थी। बाद में साल 2000 में हेमचंद चौरसिया अपने दोनों बच्चों को पढ़ाई के लिए गोंडा ले आए।
उनका एक बेटा है और 2 बेटियां हैं. सभी की शिक्षा गोंडा में ही हुई। बड़ा बेटा संदीप पढ़ाई में काफी अच्छा था लेकिन कई परीक्षा देने के बाद भी उसे कोई नौकरी नहीं मिली तो घर की माली हालत को देखते हुए वह भी पान की दुकान पर पापा हेमचंद के साथ बैठने लगा। ज्योति के पिता की पान भंडार की दुकान शहर के गुरु नानक चौराहे के पास है। बेटी की सफलता से हेमचंद काफी खुश हैं। उनका कहना है कि अगर किसी में प्रतिभा हो तो उसे एक दिन सफलता जरूर मिलती है।
