Barabanki News: उत्तर प्रदेश के बाराबंकी में एक ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर ने जिला मजिस्ट्रेट और एक अन्य अधिकारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाया है। बीडीओ आरोप लगाने के साथ ही इस्तीफा भी दे दिया है। इस मामले को लेकर प्रशासनिक अमले में हड़कंप मचा हुआ है। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीडीओ अमित त्रिपाठी के इस्तीफे पर संज्ञान लेते हुए मामले की जांच के आदेश दिए हैं और ग्रामीण विकास आयुक्त को रिपोर्ट देने को कहा है।
हालांकि, बाराबंकी के जिलाधिकारी डॉ आदर्श सिंह और मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) एकता सिंह ने इन आरोपों को पूरी तरह से गलता और निराधार बताया है। बीडियो अमित त्रिपाठी ने 2 अगस्त को अपना इस्तीफा सौंप दिया था। इस त्यागपत्र में उन्होंने कहा था कि उन्हें 1 जुलाई को रामनगर से पुरेदलाई विकास खंड में स्थानांतरित कर दिया गया था और वह नए कार्यालय में अपनी ड्यूटी में शामिल हो गए थे। हालांकि बाराबंकी के सांसद उपेंद्र रावत और रामनगर के अन्य जनप्रतिनिधियों ने हस्तक्षेप किया और बाद में उनका स्थानांतरण रद्द कर दिया गया।
नौकरी करता तो तनाव से चली जाती जान: BDO
बाराबंकी के बीडीओ अमित त्रिपाठी ने जिलाधिकारी पर मानसिक प्रताड़ना का आरोप लगाकर इस्तीफा दे दिया और कहा कि पिछले कई महीनों से लगातार जिलाधिकारी उन्हें प्रताड़ित कर रहे हैं। अमित त्रिपाठी ने बताया कि जिलाधिकारी उनकी एसीआरी रिपोर्ट खराब करने की धमकी देते रहते थे। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने से प्रताड़ना इतनी बढ़ गई थी कि अगर नौकरी करता तो शायद जान भी चली जाती।
DM और CDO ट्रांसफर में राजनीतिक हस्तक्षेप से थे नाराज
अमित त्रिपाठी ने दावा किया कि उन्होंने सांसद या किसी अन्य राजनेता से अपना स्थानांतरण रद्द करने के लिए नहीं कहा, लेकिन उनके वरिष्ठ उनकी पोस्टिंग में राजनीतिक हस्तक्षेप से नाराज थे। उन्होंने कहा कि उन्हें जिला मजिस्ट्रेट के आवास पर बुलाया गया जहां आदर्श सिंह और एकता सिंह ने उन्हें डांटा और भला-बुरा कहा। उन्होंने आगे कहा कि दोनों अधिकारी 30 जुलाई को निरीक्षण के लिए रामनगर ब्लॉक पहुंचे और उन्हें फिर से उन्हें झिड़की दी।
इस्तीफे की कॉपी अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी भेजी थी
त्रिपाठी ने अपने इस्तीफे की एक प्रति अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह को भी भेजी, जिन्होंने मामले की जांच के आदेश दिए। दावों का खंडन करते हुए जिला मजिस्ट्रेट और सीडीओ ने एक संयुक्त बयान में कहा कि उच्च अधिकारी सरकारी कार्यालयों का निरीक्षण करते हैं और सरकार के निर्देश पर ऑन-साइट कार्यों का फिजिकल वेरीफिकेशन करते हैं।