ईसाई धर्म अपनाने के लिए ‘चमत्कारी उपचार’ का दावा करने वाले धर्मांतरण गिरोह का सरगना गिरफ्तार हुआ है। लखनऊ पुलिस ने धर्मांतरण गिरोह के कथित सरगना को गिरफ्तार किया है। आरोपी अनुसूचित जाति के लोगों को प्रलोभन और चमत्कारी उपचार के दावों के जरिए ईसाई धर्म अपनाने के लिए फुसलाता था। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।

लखनऊ दक्षिण के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) निपुण अग्रवाल ने बताया कि आरोपी की पहचान निगोहां थाना क्षेत्र के बकतौरी खेड़ा निवासी मलखान (43) के रूप में हुई है जिसे रविवार को उसी इलाके के हुलासखेड़ा रोड से गिरफ्तार किया गया। डीसीपी अग्रवाल ने संवाददाताओं को बताया, “एफ़आईआर दर्ज होने के बाद से ही मलखान फरार था। पुलिस की एक टीम ने उसका पता लगाया और उसे गिरफ्तार कर लिया।”

घर की छत पर बने हॉल को अस्थायी चर्च की तरह करता था इस्तेमाल

पुलिस के बयान के अनुसार, मलखान ने अपने खेत पर एक हॉल का निर्माण किया था और कथित तौर पर उसे एक अस्थायी चर्च के रूप में इस्तेमाल कर रहा था। बयान में कहा गया है कि मलखान हर रविवार और बृहस्पतिवार को अनुसूचित जाति के लोगों को एकत्र कर बीमारियों के इलाज का कथित तौर पर वादा करता था और प्रलोभन देता था। इन सभाओं के दौरान, लोगों को ईसाई धर्म में परिवर्तित करने के लिए कथित तौर पर बपतिस्मा दिया जाता था।

मलखान ने अपने बच्चों और रिश्तेदारों के नाम बदलकर ईसाई नाम रख लिए थे

पुलिस ने कहा कि मलखान ने खुद ईसाई धर्म अपना लिया था और अपने बच्चों और रिश्तेदारों के नाम बदलकर ईसाई नाम रख लिए थे। बयान में कहा गया है कि वह अनुसूचित जाति के सदस्यों तक पहुँचने के लिए “येशु चंगाई सभा” नाम से एक व्हाट्सएप ग्रुप भी चलाता था। पुलिस ने बताया कि उसकी गिरफ्तारी के दौरान, बाइबिल की शिक्षाओं पर आधारित दो किताबें और अन्य प्रचार सामग्री बरामद की गई। उसके वित्तीय स्रोतों की भी जाँच की जा रही है और पुलिस उन लोगों से संपर्क कर रही है जिनका धर्म परिवर्तन होने की आशंका है।

मामले में उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अधिनियम, 2021 की धाराओं के तहत निगोहां थाने में एक एफ़आईआर दर्ज की गई है। अधिकारियों ने बताया कि मलखान को गिरफ्तार करने वाली पुलिस टीम को डीसीपी दक्षिण ने 25,000 रुपये नकद पुरस्कार दिया है।

(इनपुट-भाषा)