उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में बुधवार को राजकीय मेडिकल कालेज में कथित रूप से इलाज न मिलने के कारण एक बच्ची की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी इलाज करने के बजाय क्रिकेट खेलने में मसरूफ रहे। इस घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने जांच के लिये तीन सदस्यीय समिति गठित की है।

परिवार वालों के मुताबिक वह राजकीय मेडिकल कालेज में बुखार से पीड़ित अपनी 5 साल की बच्ची को लेकर पहुंचे थे पर डॉक्टर इलाज करने के बजाय क्रिकेट खेलने में लगे रहे। राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ अरुण कुमार ने बताया कि बदायूं जिले के थलिया नगला के निवासी नाजिम बुखार की शिकायत होने पर अपनी बेटी सोफिया को लेकर बुधवार दोपहर मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे।

परिवार वालों का आरोप- डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी क्रिकेट खेल रहे थे

प्रिंसिपल ने कहा, ‘‘नाजिम ने आरोप लगाया कि मेडिकल कॉलेज में बाल रोग विशेषज्ञ मौजूद नहीं था। बाद में स्वास्थ्यकर्मियों ने बच्ची को इलाज के लिये अलग-अलग कमरों में भेजा लेकिन वहां कोई भी डॉक्टर या कर्मचारी मौजूद नहीं था। इसी दौरान बच्ची की मौत हो गयी।’’ नाजिम ने दावा किया कि जब उन्होंने मेडिकल कॉलेज के बाहर आकर देखा तो डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी क्रिकेट खेल रहे थे।

मिन्नतें करने के बाद भी डॉक्टरों ने नहीं किया इलाज

आरोप है कि काफी मिन्नत करने और गिड़गिड़ाने के बावजूद किसी भी चिकित्सक या स्वास्थ्यकर्मी ने बच्ची का इलाज नहीं किया और लगभग तीन घंटे तक तड़पने के बाद सोफिया ने अपनी मां की गोद में ही दम तोड़ दिया। डॉ कुमार ने बताया कि यह बहुत दुखद घटना है और मामले की जांच के लिए तीन चिकित्सकों की एक समिति गठित कर दी गई है।

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राजकीय मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने कहा कि रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी। चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों द्वारा इलाज न करने के बजाय क्रिकेट मैच खेलने के आरोप पर उन्होंने कहा कि मैच बाह्य रोगी विभाग के चिकित्सक नहीं खेल रहे थे। उन्होंने कहा कि संभवत: जिन चिकित्सकों का अवकाश था वे क्रिकेट खेल रहे होंगे।

(इनपुट-भाषा)