समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश में एमएलसी चुनाव के लिए उम्मीदवारों की सूची रविवार को जारी की। पार्टी ने जेल में बंद पूर्व कैबिनेट मंत्री गायत्री प्रजापति की बहू शिल्पा प्रजापति को अमेठी-सुलतानपुर से विधान परिषद सदस्य पद के लिए टिकट दिया है। वह आज नामांकन दाखिल करेंगी। इससे पहले विधानसभा चुनाव में गायत्री प्रजापति की पत्नी महाराजी देवी सपा की टिकट पर अमेठी से विधायाक चुनी गईं। गायत्री प्रजापति रेप केस में उम्रकैद की सजा काट रहे हैं.
कौन हैं शिल्पा प्रजापति- समाजशास्त्र से ग्रेजुएट शिल्पा प्रजापति, गायत्री प्रजापति के बड़े बेटे अनिल प्रजापति की पत्नी है। दोनों की शादी फरवरी 2015 में हुई। उन्होंने विधानसभा चुनाव 2022 में अमेठी सीट से सपा प्रत्याशी व अपनी सास महाराजी देवी के लिए चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी संभाली थी। उन्होंने महिलाओं को एकजुट करने में बड़ी भूमिका अदा की। इसके बदौलत अनिल की मां महाराजी देवी ने भाजपा उम्मीदवार डॉ. संजय सिंह को 18 हजार से भी ज्यादा वोटों से हराया था। ऐसे में पार्टी ने गायत्री प्रजापति की बहू शिल्पा को अमेठी-सुलतानपुर सीट से एमएलसी उम्मीदवार बनाया है।
क्यों जेल में है गायत्री प्रजापति- गायत्री प्रजापति पर चित्रकूट की एक महिला ने सामूहिक दुष्कर्म और नाबालिग बेटी के साथ छेड़छाड़ की शिकायत दर्ज कराई थी। मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर फरवरी 2017 में लखनऊ एक थाने में गायत्री व अन्य के आरोपियों के खिलाफ सामूहिक दुष्कर्म व पॉक्सो एक्ट समेत कई धाराओं में केस हुआ। इसके बाद मार्च 2017 में उनकी गिरफ्तारी हुई। उनके खिलाफ खनन घोटाला व आय से अधिक संपत्ति का भी आरोप है।
माने जाते हैं मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव के करीबी- गायत्री प्रजापति को सपा के संस्थापक मुलायम सिंह यादव और शिवपाल यादव का करीबी माना जाता है। वह पहली बार साल 1993 में चुनाव लड़े। तब उन्हें महज 1526 वोट मिले थे। साल 1996 में उन्हें सपा से टिकट मिला। इस बार उन्हें 25 हजार से ज्यादा वोट मिला। 2002 में भारी विरोध के बाद भी टिकट मिला। इस बार भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा। 2007 में उन्हें टिकट नहीं मिला। 2012 में उन्होंने अमेठी से जीत दर्ज की और मंत्री बनाए गए। जब वे खनन मंत्री थे तब उनपर भष्टाचार के गंभीर आरोप लगे। इसके बाद अखिलेश ने उन्हें मंत्री पद स हटा दिया, लेकिन गायत्री प्रजापति का ऐसा दबदबा था कि उन्हें फिर से मंत्री बनाया गया।
9 अप्रैल को चुनाव, 12 को परिणाम- उत्तर प्रदेश में विधान परिषद चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया 15 मार्च से चल रही है। इसकी आखिरी तिथि 22 मार्च है। 23 मार्च को नामांकन का जांच होगा और 25 मार्च तक उम्मीदवार अपना पर्चा वापस ले सकते है। एमएलसी के लिए सभी सीटों पर 9 अप्रैल को चुनाव होंगे और 12 अप्रैल को नतीजे आएंगे।