UP News: देश में विरोध प्रदर्शन करने वाले लोगों को नजरबंद करने के किस्से और कहानियां तो कई बार सुनी होंगी लेकिन क्या आपने कभी ऐसा भी सुना है कि जानवरों को भी नजरबंद कर दिया गया है? अगर नहीं सुना है तो आज हम आपको बताते हैं जानवरों को नजरबंद करने का किस्सा। ये कहीं दूर का किस्सा नहीं ये मामला उत्तर प्रदेश का ही है। ये मामला लखीमपुर खीरी का है जहां उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री मयंकेश्वर सिंह और जितिन प्रसाद पहुंचे तो उनके आने से पहले ही सड़कों पर टहल रहे छुट्टा जानवरों को सरकारी सफाई कर्मियों ने एक ब्लॉक में नजरबंद कर दिया था।

उत्तर प्रदेश सरकार के पीडब्ल्यूडी मंत्री जितिन प्रसाद और चिकत्सा एवं स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर सिंह लखीमपुर खीरी जिले को दो दिवसीय दौरे के बाद पलिया कस्बे से लखनऊ आ रहे थे। इस दौरान जितिन प्रसाद तो भीरा कस्बे से शाहजहांपुर की ओर चले गए। जबकि मयंकेश्वर सिंह लखनऊ के लिए रवाना हुए। इस दौरान भीरा थाना क्षेत्र के बिझुआ कस्बे में मंत्री जी का काफिला निकलने से पहले हाइवे पर आवारा पशुओं को सरकारी सफाईकर्मियों से सरकारी ब्लॉक में नजरबंद करवा दिया गया।

मंत्री जी भी जानवरों के चक्कर में जाम में फंसे

जानवरों को नजरबंद करवाने के पीछे सिर्फ इतनी सी बात थी की कहीं मंत्री जी के काफिले को इन जानवरों की वजह से रुकना ना पड़े। लाख कोशिशों के बाद भी कुछ जानवर सड़क पर मयंकेश्वर सिंह की कार के सामने आ ही गए। इस दौरान मंत्री जी का काफिला कुछ सेकेंडों के लिए रुकना पड़ा और जब जानवरों का झुंड सड़क से हट गया तब जाकर मंत्री जी को निकलने का मौका मिला।

घटना का वीडियो Social Media पर Viral

इस पूरी घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। इस वीडियो में साफ तौर पर देखा जा सकता है कि कैसे सफाईकर्मी हाथों में डंडा लिए आवारा पशुओं के पीछे घूम रहे हैं ताकि वो सड़क पर मंत्री जी के काफिले के सामने न आ जाएं। इसलिए ये सफाईकर्मी पशुओं को लेजाकर सरकारी ब्लॉक में बंद कर रहे हैं। इस घटना पर स्थानीय ग्रामीणों ने नाराजगी जताई है। ग्रामीणों का कहना है कि जब ये सरकारी पशु सड़कों पर आपके वाहन के सामने आ जाते हैं तो आप इन्हें हटाने के लिए लाखों रुपये खर्च कर सकते हो और जब यही पशु किसानों की फसलों का नुकसान करते हैं तब आप कुछ नहीं करते हैं।

ग्रामीणों में सरकार के प्रति नाराजगी

वेब पोर्टल यूपी तक से एक स्थानीय ग्रामीण ने बताया कि,’पूरे जिले के सफाईकर्मी और वीडियो लगे थे पशुओं को बंद करने में ताकि सड़कों पर जानवर नहीं दिखाई दें। सभी जानवरों को कई ब्लॉकों में बंद कर दिया गया है। जानवरो जो कास्तकारों का नुकसान कर रहे हैं उसपर प्रशासन का कोई ध्यान नहीं है। प्रशासन की एक गाड़ी निकले उसके लिए सरकार का लाखों रुपया नुकसान हो जाए कोई कहने वाला नहीं है और कास्तकार का खेत चर जाएं ये जानवर तो कोई सुनने वाला नहीं है इस हिन्दुस्तान में’