दसवीं कक्षा में फेल होने के चलते डर की वजह घर छोड़ने वाला शख्स 42 साल बाद वापस लौटा है। उत्तर प्रदेश के भदोही से 15 साल की उम्र में घर छोड़ भागे मुरलीधर द्विवेदी जब 57 की उम्र में वापस लौटे तो परिवार में खुशी की लहर दौड़ गई। लंबे समय से घर से दूर रहने के दौरान यह शख्स करीब नौ साल दिल्ली और मुंबई में रहा और आखिरकार कोटा के एक एनजीओ की मदद से घर वालों को मिला।
क्या हुआ था 42 साल पहलेः भदोही जिले के कठारी गांव के रहने वाले मुरलीधर गुरुवार को अपने बड़े भाई शरदकांत द्विवेदी से मिले। बड़े भाई उन्हें घर वापस ले जाने के लिए कोटा पहुंचे थे। प्राप्त जानकारी के मुताबिक दिमागी हालत ठीक न होने के कारण मुरलीधर को नवंबर 2018 में कोटा के ‘अपना घर’ नामक NGO में लाया गया था। NGO के प्रवक्ता मनोज जैन आदिनाथ ने कहा कि महीनों चले इलाज के बाद उत्तर प्रदेश के उरई थाने की मदद से मुरलीधर के परिवार का पता चला।’
पिता के जीते-जी नहीं लौट पाए मुरलीः बड़े भाई शरदकांत छोटे भाई से मिलकर भावुक हो गए। मीडिया को बताते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता सदानंद द्विवेदी एक स्कूल मास्टर थे। उन्होंने पंजाब, उत्तर प्रदेश और राजस्थान में मुरलीधर की बहुत तलाश की लेकिन नहीं मिले। कुछ सालों पहले पिताजी की मौत हो गई।’ उन्होंने बताया कि मुरलीधर हमें पत्र लिखते थे लेकिन हमेशा गलत पते देते थे जिसकी वजह से उनका पता लंबे समय तक नहीं चल पाता था। मुरलीधर के परिवार ने उनको खोजने में कोई कसर नहीं छोड़ी थी।
मुरलीधर के साथ लौटीं खुशियां: मुरलीधर के बड़े भाई ने बताया कि पिता हमेशा उनके बारे में पूछते थे और उनको देखने की उम्मीद करते-करते ही उनकी मौत हो गई। उनकी मां आज भी उनकी बातें करके उन्हें याद करती हैं। इतने लंबे अरसे के बाद उनके घर आने की बात से सभी परिवार वाले बहुत खुश हैं। पूरे घर में त्योहार वाली रौनक है।