अखिलेश सरकार में मंत्री राजा भैया के उस बयान का जिसमें प्रतापगढ से अधिक अपराध मुख्यमंत्री के जिले इटावा में होता है-लोगों ने कतई पंसद नहीं किया। गुरुवार को प्रतापगढ में दिए गए राजा भैया के बयान को लेकर लोगों में खासी नाराजगी है। अक्सर विवादों में रहने वाले यूपी के मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया ने इस बार अपने ही मुखिया सीएम अखिलेश यादव पर निशाना साध दिया है।
राजा भैया ने प्रतापगढ में मीडिया से निवेदन किया है कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश न करें। प्रतापगढ़ में कुछ भी होता है, तो सीबीआइ जांच की मांग होने लेगती है। मेरे नाम पर प्रतापगढ़ को बदनाम किया जा रहा है। राजा भैया ने सीएम के जिले में चार लोगों की हत्या का जिक्र करते हुए कहा कि ज्यादा अपराध इटावा में होता है। इटावा के जसवंतनगर में चुनाव के दौरान एक दिन में चार हत्याएं हुई थीं। उन्होंने कहा कि प्रतापगढ़ अपराधियों का गढ़ नहीं है।
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष राधेश्याम द्विवेदी का कहना है कि राजा भैया का बयान सीधे सीधे मुख्यमंत्री के गृह जिले को बदनाम करता है। वह अपनी बात पार्टी फोरम पर रख सकते थे लेकिन इस तरह से सार्वजनिक बयान देने का क्या फायदा? पंचायत चुनाव के दौरान राजा भैया के इलाके में इतनी हिंसा हुई लेकिन वह बदनाम कर रहे हैं मुख्यमंत्री के जिले को जहां पंचायत चुनाव के बाद चार लोगों की हत्या हुई।
सपा के महासचिव कृष्णमुरारी गुप्ता का कहना है कि जसवंतनगर में एक साथ चार लोगों की हत्या, जिसे राजा भैया ने सीएम के जिले से जोड़ा है, एक परिवार के बीच का मामला था। इसे पंचायत चुनाव के संदर्भ में जोड़ना बेकार है। आए दिन मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव के काम काज को लेकर आलोचना करने वाले राजा भैया के बयान पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कौमी तहफफुज कमेटी के संयोजक खादिम अब्बास ने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने जो राजनीति का अपराधीकरण किया है उससे उत्तर प्रदेश में गुंडागर्दी बढ़ गई है।
राजा भैया ने जो बयान सार्वजनिक मंच से दिया है उसके कई राजनीतिक मायने हैं। इटावा के अपर पुलिस अधीक्षक लल्लन सिंह का कहना है कि इटावा में पंचायत चुनाव के दौरान हिंसा की कोई भी घटना कहीं पर भी घटित नहीं हुई है। इससे साफ सुथरे चुनाव की कोई तस्वीर नहीं हो सकती है ।