यूपी के ग्रेटर नोएडा में एक 32 वर्षीय ने सरकारी उपक्रम एनटीपीसी के बाहर खुद के हाथों में आग लगा ली। व्यक्ति का आरोप था कि ठेकेदार ने उसे पिछले 6 महीने से सैलरी नहीं थी। इसमें लॉकडाउन की अवधि का वेतन भी शामिल हैं।

घटना के संबंध में नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन के प्रवक्ता ने कहा कि जिस व्यक्ति ने आग लगाई है उसे थर्ड पार्टी कॉन्ट्रेक्टर ने नौकरी पर रखा था। उस व्यक्ति का सीधे तौर पर एनटीपीसी से कोई लेना देना नहीं है। प्रवक्ता ने कहा कि यह कॉन्ट्रैक्टर और उस व्यक्ति के बीच का मामला है। वह व्यकित कंपनी के परिसर में सिर्फ काम करता है। दादरी क्षेत्र में स्थित एनटीपीसी के एचआर कर्मचारियों ने दोपहर करीब 12 बजे इस घटना की सूचना पुलिस को दी।

जानकारी के अनुसार व्यक्ति ने कैंपस के गेट नंबर 2 के बाहर अपने हाथ पर तेल डालकर आग लगा ली। कर्मचारी की पहचान राजेश के रूप में हुई है। वह हापुड़ जिले के सोलाना गांव का रहने वाला है।

मामले में पुलिस इंस्पेक्टर अनिल कुमार ने कहा कि कर्मचारी के वेतन को लेकर विवाद छह महीने पुराना है। इसके बाद ही उसने यह कदम उठाया। सूचना मिलने के बाद पुलिस ने उसे अस्पताल पहुंचाया। बाद में उसे अस्पताल से छुट्टी मिल गई। अब उसकी स्थिति ठीक है।

पुलिस को दी गई लिखित शिकायत में राजेश का दावा है कि उसका पिछले 6 महीने का वेतन बकाया है। उसे प्रतिमाह 10 हजार रुपये मिलते हैं लेकिन उसके कॉन्ट्रैक्टर और एनटीपीसी ने उसके साथ धोखा किया। उसने कहा कि उसे लॉकडाउन की अवधि का भी वेतन नहीं दिया गा। इसके बाद से उसके परिवार को वित्तीय संकट का सामना करना पड़ा।

पुलिस का कहना है कि केस दर्ज कर इस मामले की जांच की जा रही है। इसमें राजेश के दावों की भी जांच की जाएगी। इस पूरे घटनाक्रम पर एनटीपीसी ने भी आंतरिक जांच के आदेश दे दिए हैं।