उमेश पाल हत्याकांड में शासन की ओर से बड़ी कार्रवाई हुई है। अशरफ अहमद की गैर कानूनी मुलाकात और मदद के मामले में बरेली, बांदा और नैनी जेल अधीक्षक को सस्पेंड कर दिया गया है। इन तीनों पर गंभीर लापरवाही का आरोप लगाया गया है। उमेश पाल मामले में पुलिस की आंतरिक जांच में कई पुलिसकर्मियों पर पहले कार्रवाई की जा चुकी है। प्रभारी डीआईजी जेल आरएन पांडेय की रिपोर्ट पर मंगलवार को शासन ने बरेली जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला को निलंबित कर दिया है। केंद्रीय कारागार नैनी के वरिष्ठ जेल अधीक्षक शशिकांत सिंह और बांदा जेल के अधीक्षक अविनाश गौतम को भी निलंबित कर दिया गया है।

अशरफ को जेल में दी थी वीआईपी सुविधा

बरेली जेल के अधीक्षक राजीव शुक्ला पर जेल में अशरफ को वीआईपी सुविधा देने का आरोप लगा है। जांच में सामने आया कि जेल में अशरफ से उसके गुर्गों की मुलाकात बिना पर्ची के कराई जाती थी। बता दें कि इस मामले में बरेली जेल के जेलर और डिप्टी जेलर को पहले ही सस्पेंड किया जा चुका है। उमेश पाल हत्याकांड को लेकर पुलिस की जांच में दो जेल वार्डन की भी भूमिका सामने आई थी। दोनों वार्डन समेत सात लोगों को पहले ही जेल भेजा जा चुका है।

बांदा जेल में बंद मुख्तार अंसारी

बता दें कि बांदा जेल में माफिया मुख्तार अंसारी बंद है। जेल में ही इसके गुर्गे इससे मिलने जाते थे। दूसरी तरफ अतीक अहमद के गुर्गे भी इस जेल में बंद हैं। इन्हें लेकर भी संदिग्ध मुलाकात और सामना को जेल में पहुंचाने का खुलासा हुआ था। इसके बाद शासन की ओर से यह कार्रवाई की गई है। बता दें कि दो दिन पहले नैनी जेल में भी अधिकारियों ने छापा मारा था। इस दौरान आपत्तिजनक वस्तुओं और कार्य में शिथिलता सामने आई थी। इस जेल में पहले अतीक अहमद भी बंद रह चुका है।