उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने अयोध्या में दक्षिणपंथी संगठन बजरंग दल द्वारा संचालित कतिपय स्कूलों में हथियार चलाने के प्रशिक्षण शिविर लगाने को मंगलवार को सही ठहराया। अतरौली में सरस्वती विद्या मंदिर के वार्षिक कार्यक्रम के दौरान नाईक ने संवाददाताओं द्वारा यह सवाल उठाए जाने पर कहा कि हथियार का प्रशिक्षण आत्मरक्षा के उद्देश्य से है। किसी भी ओर से कोई आपत्ति नहीं होनी चाहिए। बजरंग दल के शिविरों में कार्यकर्ताओं के हाथों में राइफलें, तलवार और लाठियां लिए हुए फोटो सोशल मीडिया और समाचार चैनलों पर वायरल हो गए हैं।

नाईक ने हथियार प्रशिक्षण शिविरों के मुद्दे पर आशंकाओं को निर्मूल बताया। उन्होंने कहा कि जो खुद की रक्षा नहीं कर सकते, वे अंतत: देश की रक्षा नहीं कर सकते और यदि कोई युवा विशुद्ध रूप से आत्मरक्षा के लिए हथियार प्रशिक्षण लेता है तो इसमें कुछ गलत नहीं है। हिंदू कट्टरपंथी समूह बजरंग दल का मानना है कि मार्शल आर्ट और हथियारों का प्रशिक्षण आवश्यक है। क्योंकि वह हिंदू समुदाय के समक्ष पेश आने वाले कथित खतरे से उसके बचाव के लिए पुलिस और नेताओं पर भरोसा नहीं कर सकता।

इस बीच बजरंग दल के सूत्रों ने बताया कि अयोध्या में हुए बजरंग दल के आत्मरक्षा शिविर अब सुल्तानपुर, गोरखपुर, पीलीभीत, नोएडा और फतेहपुर में होंगे। बजरंग दल विश्व हिंदू परिषद की युवा इकाई है। बजरंग दल पर धार्मिक अल्पसंख्यकों के खिलाफ दंगों और हिंसा के आरोप लगते आए हैं। यह संगठन गोरक्षा कार्यक्रम भी संचालित कर रहा है। एक अन्य सवाल के जवाब में राज्यपाल ने उत्तर प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि मीडिया में कानून-व्यवस्था की खराब स्थिति को लेकर तमाम खबरें हैं। उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था की स्थिति सुधारने के लिए काफी प्रयास करने होंगे। ऐसा लगता है कि मुख्यमंत्री स्थिति सुधारने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन उनके प्रयास सफल नहीं हो रहे हैं और प्रयास की जरूरत है।